हल्द्वानी: बारिश ने उत्तराखण्ड की टीम को विजय हजारे के नॉक आउट में जगह बनाने से रोका। बारिश के चलते उत्तराखण्ड के तीन मुकाबले रद्द हो गए। नॉक आउट में जगह बनाने वाली पुडुचेरी के दो मैच रद्द हुए। पुडुचेरी लीग स्तर पर कोई भी मुकाबला नहीं हारी लेकिन उत्तराखण्ड को अपने अंतिम लीग मुकाबले में चंडीगढ़ के हाथों 2 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
चंडीगढ़ के खिलाफ एक वाक्या ऐसा हुआ जिसने हल्द्वानी शहर को सिर गर्व से ऊंचा किया। शहर के सौरभ रावत ने चंडीगढ़ के खिलाफ उत्तराखण्ड टीम की कमान संभाली थी। उन्मुक्त चंद के चोटिल होने के चलते सौरभ को अंतिम मैच के लिए यह जिम्मदारी मिली। सौरभ ने टूर्नामेंट के शुरुआत में असम के खिलाफ 20 गेंदों पर 45 रनों की पारी खेली थी,जिसके बाद उन्हें टीम का उपकप्तान नियुक्त किया गया। हल्द्वानी से निकलकर घरेलू क्रिकेट में जगह बनाने वाले सौरभ पहले खिलाड़ी है। उत्तराखण्ड में खेलने से पहले वह उडीशा रणजी टीम के सदस्य थे।इसके अलावा वह जूनियर लेवल क्रिकेट में उडीशा के लिए कप्तानी भी कर चुके हैं। इस मुकाबले में सौरभ ने 17 रन बनाए और उन्होंने विकेट के पीछे 3 कैच लपके। टीम को हार जरूर मिली लेकिन सौरभ के रिकॉर्ड की ओर नजर डाले तो यह खिलाड़ी रूकने की बजाए जीत हासिल करने में विश्वास करता है।
सौरभ उत्तराखण्ड के लिए रणजी में पहला दोहरा शतक बनाने वाले खिलाड़ी हैं। पिछले साल उनके सीजन शुरुआत अच्छी नहीं हुई थी। बिहार के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी में वह शून्य पर आउट हो गए थे। उनकी पहचान पर सवाल उठने शुरू हो ही रहे थे कि सौरभ ने आलोचकों को मुंह तोड़ जवाब दिया। पिछले सीजन विजय हजारे में सौरभ के बल्ले से 3 अर्धशतक निकले। वहीं रणजी में उन्होंने तीन शतक जमाए।