देहरादून: स्वतंत्रता दिवस के दिवस के उत्तराखंड में दो बुरी खबर है। पिछले आठ महीने से देहरादून निवासी गढ़वाल राइफल के जवान राजेंद्र सिंह बिष्ट का शव मिल गया। वह जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। उन्हें सेना से युद्ध में शहीद घोषित कर दिया लेकिन उनका परिवार लगातार उनकी खोज के लिए गुहार लगा रहा था। उनका पार्थिव शरीर जल्द देहरादून लाया जाएगा। वहीं एक अन्य खबर है गलवां घाटी में तैनात हवलदार बिशन सिंह की… जो शहीद हो गए हैं। दरअसल चीनी सैनिकों के साथ झड़प में वह चोटिल हो गए थे।
उनका इलाज हुआ था और फिर वह दोबारा ड्यूटी पर लौटे। लेकिन लद्दाख गलवां घाटी पहुंचने के बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें इलाज के लिए चंडीगड़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के दौरान जवान की जान चली गई। हवलदार बिशन सिंह की शहादत की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची, वहां मातम पसर गया।हवलदार बिशन सिंह मूलरूप से पिथौरागढ़ के मुनस्यारी क्षेत्र के रहने वाले थे। उनका परिवार बंगापानी क्षेत्र में रहता है। 43 वर्षीय बिशन सिंह 31 अगस्त 2020 को रिटायर होने वाले थे।
शहीद बिशन सिंह का पार्थिव शरीर रात करीब डेढ़ बजे कामलुवागांजा स्थित उनके भाई जगत सिंह के आवास पर पहुंचाया गया। हवलदार बिशन सिंह अपने पीछे पत्नी सती देवी और दो बच्चों को बिलखता छोड़ गए हैं। उनका बेटा मनोज 19 साल का है, जबकि बेटी मनीषा 16 साल की है। हवलदार बिशन सिंह का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ रानी बाग स्थित चित्रशाला घाट में किया गया। शहीद बिशन ने अपनी ड्यूटी को पूरा वक्त दिया लेकिन परिवार के साथ नई जिंदगी शुरू करने से पहले वह चले गए। देश के वीर को हल्द्वानी लाइव डॉट कॉम की टीम की ओर से नमन….