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जल संरक्षण को लेकर सरकार का प्लान तैयार, 2022 तक सपना होगा साकार !


हल्द्वानी: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में जल जीवन मिशन योजना के अन्तर्गत संचालित होने वाले कार्यो की गहनता से समीक्षा की। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने बताया कि जल जीवन मिशन समबद्ध कार्यक्रम है और इस कार्य को पूरा करने के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने उत्तराखण्ड की भौगोलिक विषम परिस्थियों वाले क्षेत्रों तक इस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए रणनीति बनाकर कार्य करने को कहा। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जल एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण व संवर्धन हेतु किये जा रहे प्रयासों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।  


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि राज्य सकरार नदियों, तालाबों, गाड़-गधेरों, चाल-खाल एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लगातार कार्य कर रही है। कार्यक्रम में जनमानस की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न स्वयं सहायता समूहों, महिला एवं युवक मंगल दलों के साथ ही लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 2022 तक हर घर में नल और हर नल में जल की परिकल्पना को साकार करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि इस महत्वपूर्ण समयबद्ध कार्य के पूर्ण होने में किसी भी प्रकार का विलम्ब न हो। सीएम ने बताया कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेशभर के सभी तोकों, ग्रामों, ब्लाॅकों, जनपदों तथा राज्य स्तरीय कार्य योजना तैयार करते हुए कार्यवाही की जा रही है।


केन्द्रीय अपर सचिव जल जीवन मिशन भरत लाल ने कहा कि राष्ट्रीय जल जीवन मिशन का उद्देश्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकास नहीं है बल्कि हर घर में नल और हर नल में जल है। उन्होंने कहा कि मिशन तभी सार्थक होगा जब हर नल में पानी होगा। उन्होंने कहा कि हर नल में पानी के लिए जल स्त्रोतों को रिचार्ज करने की भी कार्य योजना तैयार करनी होगी। उन्होंने कहा कि पेयजल की गुणवत्ता के लिए सेंसर भी लगाये जायेंगे जिनके माध्यम से पेयजल के 6 से 11 पैरा मीटरों की जांच की जायेगी। उन्होंने बताया कि बिना एफएसटीसी के कोई भी स्कीम अनुमोदित नहीं होगी। उन्होंने योजना के अन्तर्गत कनेक्शन लगवाने के लिए जनता को जागरूक करने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए। उन्होंने योजना के बारे में दूरस्थ क्षेत्रों तक प्रचार-प्रसार करने को कहा। उन्होंने जल सम्बन्धी शिकायतों के निवारण के लिए अलग से हैल्प लाईन नम्बर जारी करने के लिए कहा।


बैठक में पेयजल सचिव उत्तराखण्ड अरविन्द सिंह ह्यांकी ने हाउस हाॅल्ड सर्वे, जेजेएम की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति, शिकायत निवारण सिस्टम, राज्य में जल संसाधन सिस्टम, ग्रामीण, जिला एवं  राज्य कार्य योजना, थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने ने बताया कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल संचय-जीवन संचय योजना के लिए प्रदेश में जनपद नैनीताल को चयनित किया था, जिसके तहत जनपद नैनीताल में चाल-खाल निर्माण व अन्य उपायों से जन सहभागिता के आधार पर जल संचय का विशेष कार्य किया गया। जिसके लिए भारत सरकार द्वारा जनपद को विशेष रैंक दी गयी। बैठक में सचिव मुख्यमंत्री एवं आयुक्त कुमाऊं मण्डल राजीव रौतेला, निदेशक स्वजल उदय राज, अधीक्षण अभियंता पेयजल निगम वीसी पुरोहित, महाप्रबन्धक जल संस्थान डीके मिश्रा, परियोजना अधिकारी स्वजल संतोष उपाध्याय व अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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