हल्द्वानीः शहर का सबसे विख्यात अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों मे है। स्वास्थ्य का अधिकार जनता का सबसे पहला अधिकार होतो है लेकिन शहर में बेहतर सवास्थ्य सेवाओं के अभाव में रोजाना हजारों लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक बार फिर सुशीला तिवारी अस्पताल में रेडियोलाजी विभाग के विभागाध्यक्ष के अवकाश पर होने के कारण गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड बंद हो गए हैं। घंटों लाइन में बैठने के बाद भी महिलाओं को सोमवार को बिना अल्ट्रासाउंड के लौटना पड़ा।
बता दें कि सुशीला तिवारी अस्पताल में एक दिन में 15 से 20 गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड होते हैं। डॉ. महेश सोमवार को अवकाश पर थे। अवकाश पर होने के कारण 15 गर्भवती महिलाओं को घंटों इंतजार के बाद बिना जांच के लौटना पड़ा। प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. वर्मा से इस्तीफा वापस लेने को कहा गया है। साथ ही पीसीपीएनडीटी के तहत गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड करने के लिए नाम पंजीकृत कराने की प्रक्रिया पूरी करने को भी कहा है। कहा कि डॉ. महेश से बात कर प्रयास करेंगे कि मंगलवार से गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड हो सकें।
डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट और एसीएमओ से एसटीएच में रेडियोलाजी विभाग में प्रोफेसर/विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज महेश के बारे में रिपोर्ट मांगी थी। शनिवार को डॉ. महेश ने एक माह के नोटिस के साथ ही प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा को इस्तीफा दे दिया था। 19 फरवरी को ही रेडियोलाजी विभाग के एक मात्र असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रगति वर्मा ने भी इस्तीफा दे दिया था। डॉक्टर के अस्पताल में न होने के कारण लोगों को कई दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। सुशीसा तिवारी में मरीज दूर दराज से भी अपनी जांच करवाने आते हैं। लेकिन अस्पताल की व्यव्सथा के चरमराने के कारण उनका सही ढंग से इलाज नही हो पाता है।