Haldwani News: Smart Electricity Meter: उत्तराखंड ऊर्जा निगम ने प्रदेश में पुराने बिजली मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुमाऊं क्षेत्र में 6.55 लाख उपभोक्ताओं को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। पहले चरण में सभी विद्युत उपकेंद्रों को स्मार्ट मीटर के लिए विकसित किया जा रहा है, और उसके बाद उपभोक्ता स्तर पर सर्वेक्षण प्रारंभ हो चुका है।
ऊर्जा निगम ने अडानी समूह की कंपनी से अनुबंध किया है, जिसके तहत कंपनी ने उपभोक्ताओं के घरों पर सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया है। इस सर्वे के बाद स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। फिलहाल, हल्द्वानी क्षेत्र के कुछ उपकेंद्रों में नए स्मार्ट वितरण मीटर पहले ही लगाए जा चुके हैं। बाकी क्षेत्रों में यह काम चरणबद्ध तरीके से जारी है।
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता को क्या होगा फायदा?
स्मार्ट मीटर के साथ उपभोक्ताओं को मासिक रीडिंग की जरूरत नहीं होगी। यह मीटर प्रीपेड प्रणाली पर काम करेगा, जिसमें उपभोक्ता अपने मोबाइल फोन की तरह बिजली मीटर को भी रिचार्ज कर सकेंगे। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ता अपने बिजली खर्च का पूरा रिकार्ड मोबाइल एप से देख सकेंगे। एप से ही मीटर को रिचार्ज भी किया जा सकेगा, और रिचार्ज खत्म होने पर उपभोक्ता को अलर्ट भी मिलेगा।
48 घंटे का समय मिलेगा रिचार्ज करने के लिए
अगर उपभोक्ता का रिचार्ज खत्म हो जाता है, तो उन्हें 48 घंटे का समय मिलेगा जिसमें वे भुगतान कर सकते हैं। इस दौरान बिजली सप्लाई चालू रहेगी। उपभोक्ताओं को अलर्ट के जरिए समय रहते रिचार्ज करने की सुविधा दी जाएगी।
स्मार्ट मीटर में लगेगा सिम कार्ड
स्मार्ट मीटर में मोबाइल फोन की तरह ही एक सिम कार्ड लगाया जाएगा। इसके लिए कंपनी ने कुमाऊं क्षेत्र में एयरटेल के साथ अनुबंध किया है। नेटवर्क की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए संबंधित कंपनी को अपने नेटवर्क की गुणवत्ता बनाए रखने की आवश्यकता होगी।
उपभोक्ता मोबाइल एप से कर सकेंगे रिचार्ज
स्मार्ट मीटर के साथ एक मोबाइल एप भी प्रदान किया जाएगा, जिससे उपभोक्ता पल-पल की बिजली खपत का रिकॉर्ड देख सकेंगे। यह एप गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा। इसके माध्यम से उपभोक्ता न केवल मीटर को रिचार्ज कर सकेंगे, बल्कि उपयोग का विवरण भी देख सकेंगे। एप में उपभोक्ता संख्या, वर्तमान मीटर रीडिंग, पुराने बिजली बिल, और मोबाइल नंबर की जानकारी महत्वपूर्ण होगी।
सही मोबाइल नंबर देना अनिवार्य
स्मार्ट मीटर के बाद उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर बेहद महत्वपूर्ण हो जाएंगे। रिचार्ज और बिजली उपयोग का विवरण देखने के लिए मोबाइल नंबर से ही लॉगिन किया जाएगा। इसलिए सर्वे के दौरान सही मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा। अगर मोबाइल नंबर या कोई अन्य जानकारी बदलवानी है, तो सर्वे के समय ही यह प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। हालांकि, मैदान के नगर और ग्रामीण दोनों इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों में केवल नगर की सीमा में आने वाले घरों और प्रतिष्ठानों में ही स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, मंडल में 20 हजार घरों का सर्वे पूरा होने के बाद मीटर लगाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा, जिसमें सर्वे और मीटर लगाने का काम समानांतर चलेगा।