Haldwani Success Story: Indian Classical World Record:
उत्तराखंड की संस्कृति में पारम्परिक भारतीय मूल्यों के दर्शन होना स्वाभाविक है। यहाँ के युवा आज के नए समय में आधुनिकता के साथ कदम से कदम मिलते हुए तो चल ही रहे हैं साथ ही शास्त्रीय संस्पर्श को भी अपनी कला के माध्यम से सभी के ह्रदय में जीवित भी रख रहे हैं। हल्द्वानी की बेटी की ऐसी ही एक सफलता से हम आज आपको परिचित कराने जा रहे हैं जिसमे उन्होंने अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया है। देवभूमि उत्तराखंड की प्रतिभा और जज़्बे के बारे में जो भी जानता है वो इन ख़बरों से आश्चर्यचकित कम ही होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की ऐसी उपलब्धि किसी भी मायने में कम है।
हम बात कर रहे हैं हल्द्वानी की कथक नृत्यांगना ऋचा शाह की जिन्होंने अपना नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया है। 20 फ़रवरी को मध्य प्रदेश में संस्कृति विभाग की तरफ से आयोजित हुए खजुराहो नृत्य समारोह की 50वीं स्वर्ण जयंती में 1,484 नृतक सम्मिलित हुए। इस महासम्मेलन को अब तक का सबसे बड़ा कथक आयोजन बताया जा रहा है। इस महासम्मेलन को वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में मध्य प्रदेश सरकार के सांस्कृतिक विभाग ने अपने नाम कर लिया है। इस पूरे आयोजन के दौरान कई श्रेणी में प्रतिभागियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया जिसमें हल्द्वानी की ऋचा शाह ने अपने अभूतपूर्व प्रदर्शन के साथ अपने गुरुजनों का मान बढ़ाया।
इस आयोजन में मुख्य रूप से उपस्थित मुख्यमंत्री डॉo मोहन यादव ने सभी प्रतिभागियों द्वारा ऐतिहासिक प्रदर्शन के लिए सभी का धन्यवाद किया एवं सभी के उज्जवल भविष्य की कामना भी की। पाश्चात्य संस्कृति की तरफ आकर्षित हो रहे इस दौर में भी अपनी परम्पराओं और शास्त्रीय कला के प्रति निपुण कलाकारों के भव्य प्रदर्शन में देवभूमि का योगदान होना हर किसी के लिए गर्व की बात है।