पिथौरागढ़: कुछ प्रमुख खेलों को छोड़ दिया जाए तो बाकी खेलों पर तो किसी का ध्यान ही नहीं दिया जाता। खेल में देश व प्रदेश को ऊंचाई पर ले जाने वाली कई हस्तियां आज रोजी रोटी के लिए तरस रही हैं। ऐसे ही एक खिलाड़ी को पिथौरागढ़ जिलाधिकारी ने सहारा दिया है। भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राजेंद्र धामी को दिव्यांग खिलाड़ियों का कोच नियुक्त किया है।
राजेंद्र धामी भारतीय टीम के पूर्व कप्तान जबकि उत्तराखंड क्रिकेट टीम के वर्तमान में कप्तान हैं। सीमांत जिले का नाम हर जगह रौशन कर चुके राजेंद्र धामी पिछले कुछ समय से आर्थिक रूप से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। डीएम पिथौरागढ़ आशीष चौहान की पहल पर अब राजेंद्र धामी को खेल विभाग में कोच की नौकरी मिल गई है।
जानकारी के अनुसार कनाली छीना के ख्वांकोट गांव के रहने वाले 35 वर्षीय राजेंद्र धामी को कोरोनाकाल की शुरुआत से ही मुसीबतों का सामना करना पड़ा। खेल गतिविधियां बंद हुईं तो उन्हें गांव वापिस लौटना पड़ा। इस दिव्यांग खिलाड़ी को गांव में मनरेगा मजदूर के तौर पर काम करना पड़ रहा था।
लेकिन पिथौरागढ़ डीएम डॉ. आशीष चौहान की पहल के चलते अब राजेंद्र धामी सीमांत के दिव्यांगों को एथलेटिक्स के गुर सिखाएंगे। बता दें कि धामी अब यहां के दिव्यांगों को पैरालंपिक एथलेटिक्स के लिए तैयार करेंगे। उन्होंने इसके लिए डीएम चौहान का आभार जताया है। साथ ही कहा कि वे सीमांत के दिव्यांगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के साथ ही देश व प्रदेश के लिए क्रिकेट खेलते रहेंगे।
राजेंद्र धामी ने 2012 में उत्तराखंड की प्रांतीय सेवा परीक्षा (पीसीएस) पास की है। उत्तराखंड की व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के
कप्तान के पास स्नातकोत्तर डिग्री और शिक्षा में स्नातक की डिग्री (बीएड) है। जिला खेल अधिकारी संजय पौड़ी ने कहा कि कागजी कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है और जल्द ही हम राजेंद्र सिंह धामी को कोच के रूप में काम करने के लिए नियुक्ति पत्र जारी करेंगे।
इस दौरान धामी ने कहा कि मैं वास्तव में डीएम सर का आभारी हूं। जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से मेरी स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं उनका आभार व्यक्त कर सकूं। बता दें कि धामी पहले से ही बल्लेबाजी, गेंदबाजी और अन्य सहित क्रिकेट के विभिन्न पहलुओं में कम से कम 19 विशेष रूप से विकलांग छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।