देहरादून: चुनाव से पहले हरक सिंह रावत उन नेताओं में हो जो सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहते हैं। साल 2016 में वह भाजपा में शामिल हुए और कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उनके दूसरे दल में जाने की खबरे लगातार सामने आती रही। इसके अलावा कुछ दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में वह बीच से चले गए थे। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वह कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं।
इसके बाद भाजपा की ओर से हालात को कंट्रोल तो किया गया लेकिन आचार संहिता के लगने के बाद एक बार फिर हरक सिंह रावत टिकट बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे हैं। वह भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में भी नहीं पहुंचे। इसके बाद कहा जाने लगा कि वह अपनी बहू के लिए भी टिकट मांग रहे हैं और भाजपा में इसके लिए सहमति नहीं बनी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हरक सिंह रावत दिल्ली रवाना हो गए हैं। उनके दिल्ली जाने की खबर के सामने आने के बाद कयासों का बाजार एक फिर गर्म हो गया है। कहा जा रहा है कि हरक और उनकी बहू अनुकृति गोसाई कांग्रेस के का दामन थाम सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो हरक सिंह को डोईवाला और अनुकृति को लैंसडाउन से कांग्रेस टिकट देने पर विचार कर सकती है। हरक सिंह रावत अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं भाजपा के लिए यह बहुत बड़ा झटका होगा। हालांकि इस तरह की खबर पहले भी सामने आ चुकी हैं लेकिन कुछ ऐसा हुई नहीं… लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि क्या हरक कांग्रेस में शामिल होते हैं या फिर भाजपा में रहकर बनी बात को मनवा लेते हैं।