देहरादून: उत्तराखंड में बिजली महंगी होने की बात तो की जाती है लेकिन कोई बिजली चोरी पर ध्यान नहीं देता है। बिजली चोरी होने की वजह से UPCL को घाटा होता है। इस वजह से बिजली की दरे भी बढ़ानी पड़ती है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के बीच विजिलेंस ने प्रदेशभर में कुल 4143 सूचनाओं पर छापे मारे।
विजिलेंस की छापेमारी में 2972 मामलों में बिजली चोरी सामने आई। गढ़वाल मंडल के 2169 और कुमाऊं मंडल के 803 मामले शामिल हैं। बिजली चोरी के मामले में हरिद्वार जिला टॉप पर है।
विजिलेंस की रिपोर्ट में बताया गया है कि गढ़वाल मंडल के मैदानी जिलों में बिजली चोरी की वजह से की वजह से यूपीसीएल को हर साल करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। गढ़वाल मंडल के 2169 मामलों में करीब 85 प्रतिशत मामले हरिद्वार जिले के हैं।
यूपीसीएल में आईपीएस अफसर के नेतृत्व में बिजली चोरी रोकने को विजिलेंस का गठन किया गया है। इस टीम में यूपीसीएल के भी अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व अन्य कर्मचारी तैनात हैं। सूचना मिलने के आधार पर ये विजिलेंस टीम प्रदेशभर में अलग-अलग जगहों पर बिजली चोरी पकड़कर मुकदमा दर्ज कराती है
हरिद्वार जिले के ग्रामीण इलाकों में भी चोरी सामने आई है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि लगातार बिजली चोरी को लेकर विभागीय स्तर से विजिलेंस और खंड व उपखंडों में उनके अधिकारी काम कर रहे हैं। विजिलेंस बिजली चोरी करने वालों पर विभागीय स्तर से जुर्माना लगाने के साथ ही पुलिस केस भी दर्ज करा रहा है।