हल्द्वानी: कांग्रेस की दूसरी सूची ने नैनीताल जिले में नए समीकरण पैदा कर दिए हैं। रामनगर से अचानक पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को टिकट दिया गया तो वही कालाढूंगी से पूर्व सांसद महेंद्र पाल को टिकट मिला है। वहीं लालकुआं में संध्या डालाकोटी को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है।
मंगलवार को लालाकुआं विधानसीट पर हुए सियासती घटनाक्रम ने नई-नई चर्चाओं को जन्मा दिया है। कांग्रेस द्वारा पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश दुर्गापाल को टिकट नहीं दिए जाने से उनके समर्थक नाराज हो गए हैं। समर्थकों के साथ उन्होंने एक बैठक भी की और निदर्लीय मैदान पर उतरने का फैसला किया है।
हरीश दुर्गापाल ने कहा कि पार्टी का ये फैसला चौकाने वाला है। कांग्रेस को लालकुआं में अच्छी बढ़त मिल रही थी लेकिन धरातल के कामों को नजर अंदाज कर टिकट अन्य दावेदार को दिया गया है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफे का ऐलान भी किया और निर्दलीय चुनाव में उतरकर साल 2012 का इतिहास दोहराने की बात कही।
साल 2012 में भी कांग्रेस ने टिकट हरीश दुर्गापाल को नहीं दिया और वह निदर्लीय प्रत्याशी के रूप मे जीत हासिल करने में कामयाब रहे। कांग्रेस को उन चुनावों में 32 सीटे मिली थी और दुर्गापाल के समर्थन के साथ कांग्रेस उत्तराखंड की सत्ता में लौटी। उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया। हरीश दुर्गापाल की छवि एक ईमानदार नेता के रूप में हुई है। वो इस बार चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर चुके थे। उनका कांग्रेस से इस्तीफा, पार्टी के लिए एक झटका है। उनके चुनाव में उतरने से कांग्रेस वोट सबसे ज्यादा प्रभावित होगा।
कांग्रेस लालकुआं प्रत्याशी संध्या डालाकोटी अन्य कार्यकर्ताओं के साथ हरीश दुर्गापाल के आवास पर आशीर्वाद लेने पहुंची। इस दौरान दुर्गापाल के आवास पर मौजूद समर्थकों ने गेट बंद कर दिया। कई देर तक संध्या अपने समर्थकों के साथ वहीं पर बैठी लेकिन हरीश दुर्गापाल से मुलाकात नहीं हो पाई। हरीश दुर्गापाल ने कहा कि उस वक्त बैठक चल रही थी और उन्हें इस दौरान नहीं आना चाहिए थे । अगर कुछ बात थी तो वक्त लिया जा सकता था। जबकि संध्या डालाकोटी ने कहा कि एक मातृशक्ति पर कांग्रेस ने भरोसा जताया है तो सभी को एक साथ आना चाहिए। दुर्गापाल जी सीनियर नेता हैं… पिता तुल्य हैं… उन्हें हमे मार्ग दिखाना चाहिए…