नई दिल्ली: जो आग दो दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट से कांग्रेस में लगी थी। वही आग अब हरीश रावत के बयान से ठंडी पड़ गई है। कांग्रेस हाईकमान के साथ दिल्ली में बैठक करने के बाद हरीश रावत ने कहा है कि चुनाव वो ही लीड करेंगे। हालांकि मुख्यमंत्री की चेहरे पर पार्टी के साथ ही हरीश रावत ने भी संशय छोड़ दिया है।
बता दें कि सबसे पहले बुधवार की शाम को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने धड़ाधड़ ट्वीट किए थे। जिनसे एक तरफ कांग्रेस में गुटबाजी की बातें सामने आई तो कई लोगों ने इसे हरीश रावत के संन्यास से जोड़कर भी देखा। लेकिन घमासान होने के दौरान राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने हरीश रावत से फोन पर बात की।
.@harishrawatcmuk : ‘उत्तराखंड चुनाव को मैं लीड करुंगा’ .
— ABP Ganga (@AbpGanga) December 24, 2021
यहां देखें Live : https://t.co/qq6xj9rKvp#HarishRawat #Congress #UttarakhandElection2022 #Congress@SavalRohit pic.twitter.com/xuDiejOCAs
इसके बाद गुरुवार को उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेताओं और हरीश रावत को दिल्ली हाईकमान ने बुला लिया। जाने से पहले ही हरीश रावत नरम दिखाई दिए। उन्होंने बीते दिन दिल्ली रवाना होने से पहले ट्वीट किया कि उनके ट्वीट रोजमर्रा जैसे ही थे। इससे अन्य दलों को मिर्ची लगी इसलिए वे तरह-तरह के बयान दे रहे हैं।
हाईकमान के बुलावे पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत तमाम नेता गुरुवार रात्रि दिल्ली पहुंच गए थे। दिल्ली में राहुल गांधी के साथ हुई बैठक के बाद पूर्व सीएम और कांग्रेस की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने अपना मन सामने रखा है। उन्होंने कहा कि चुनाव मैं लीड करूंगा, लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा ये चुनाव के बाद तय होगा।
“Kadam, kadam badhaye ja, Congress ke geet gaye ja…I will be the face of election campaigning in Uttarakhand,” says Congress leader Harish Rawat after meeting of Uttarakhand Congress leaders with the party leadership at Rahul Gandhi’s residence in Delhi pic.twitter.com/cLJqr170uT
— ANI (@ANI) December 24, 2021
गौरतलब है कि हरीश रावत के मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने मौजूदा परिस्थितियों के लिए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को ही सीधे जिम्मेदार ठहरा दिया था। इसमें कोई दोराय नहीं है कि साल 2017 में सूपड़ा साफ होने के बाद कांग्रेस आज जिस स्थिति में है, उसके पीछे बड़ा हाथ हरीश रावत का ही है। उनकी ही बदौलत पार्टी मजबूत स्थिति में खड़ी है। ऐसे में हाईकमान किसी भी तरह से हरीश रावत को नाराज नहीं होने देना चाहता।