देहरादून: सियासत में बयानबाजी से गरमी बढ़ती रहती है। उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों को लेकर गहमागहमी का दौर कुछ हद तक शांत हुआ है। चुनावों के लिए मतदान प्रक्रिया संपन्न हो गई है। ऐसे में अब पार्टी, प्रत्याशी व जनता को 10 मार्च का इंतजार है। इसी दिन चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएंगे। बता दें कि मतदान के दूसरे ही दिन उत्तराखंड में एक बार फिर सियासर गरमा गई है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ऐसा बयान दिया है जिससे उनकी खुद की पार्टी के कुछ नेता भी थोड़ा असहज महसूस कर सकते है।
दरअसल उत्तराखंड कांग्रेस के चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत इस बार कांग्रेस को अपने दम पर आगे लेकर आए थे। ये कहना लाजमी है कि 2017 चुनाव के बाद कांग्रेस को अमृत की जरूरत थी। जिसका इंतजाम हरीश रावत ने ही किया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हरीश रावत इस बार लालकुआं सीट से चुनावी मैदान पर उतरे थे। बहरहाल अभी नतीजों में समय है मगर हरीश रावत ने खुद को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हरीश रावत या तो मुख्यमंत्री बन सकता है या घर पर बैठ सकता है।
बता दें कि हरीश रावत प्रदेश में वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक डिजिटल चैनल से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री बनने पर आपकी क्या राय है। तो हरदा ने अपने अंदाज में कहा कि हरीश रावत या तो मुख्यमंत्री बन सकता है या फिर घर पर बैठ सकता है। इसके अलावा तीसरा कोई विकल्प मुझे नहीं दिखता है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने इस चुनाव के लिए किसी को भी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया था।