देहरादून: प्रदेश की राजनीति में रोज कुछ ना कुछ हलचल हो रही है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्त किए जाने की इच्छा जाहिर की है। गौरतलब है कि इस इच्छा को उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि हरीश रावत का चुनावों में पूरी तरह से समर्पित होना उत्तराखंड कांग्रेस के लिए अति आवश्यक है।
दरअसल कांग्रेस नेता हरीश रावत ने ट्वीट किया है। जिसमे उन्होंने लिखा है कि एक तरफ जन्मभूमि (उत्तराखंड) के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्मभूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं। उन्होंने कहा चुनावों के नजदीक आते ही दोनों जगह समय देना पड़ेगा। हरीश रावत ने लिखा कि कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया, लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था।
मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूंँ। एक तरफ #जन्मभूमि के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्म भूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलत्तर होती जा रही हैं। क्योंकि ज्यौं-जयौं चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा।
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) October 20, 2021
1/2 pic.twitter.com/EiyXsBFwy9
हरीश रावत ने ये लिखकर अपनी इच्छा जाहिर की कि मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं, तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा। मैं पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि मैंने फैसला किया है कि हाईकमान से कहूंगा कुछ महीने में उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं, इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाए।
लाजमी है कि पंजाब और उत्तराखंड में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे हरीश रावत उत्तराखंड पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। हरीश रावत ने बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि वह राहुल गांधी से उत्तराखंड की बात करने गए थे। राज्य में आई आपदा के सिलसिले में वह राहुल गांधी से मिलने गए थे। बहरहाल राहुल गांधी से चर्चा के बाद अलग-अलग तरह के कयास लगने भी शुरू हो गए हैं।