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हल्द्वानी प्रकाश डेंटल हॉस्पिटल टिप्स: क्या और कब होती है Orthognathic सर्जरी !


हल्द्वानी: बदलते वक्त के साथ दंत चिकित्सक की तकनीक भी मॉडर्न दिशा की तरफ गई है। केवल सड़े हुए दांत को निकालना या उसका उपचार करना ही दंत चिकित्सक का काम नहीं होता है। कई बार देखने को मिला है कि भीषण सड़क हादसों में जबड़े टूटने के केस भी सामने आते हैं। इस केस को दो तरह से सुलझाया जाता है । एक ऑपरेशन के माध्यम से , दूसरा वायरिंग करके (इसमें जबड़े को तार से बाध दिया जाता है, इस दौरान रोगी बात नहीं कर सकता है क्योंकि उसका मुंह बंधा हुआ रहता है।) इस तकनीक को Orthognathic सर्जरी कहते हैं। हल्द्वानी रामपुर रोड स्थित प्रकाश डेंटल हॉस्पिटल के डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने इस विषय में कुछ टिप्स दी।

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डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने Orthognathic सर्जरी कॉस्मेटिक सर्जरी के अंदर आती है। उन्होंने कहा कि इस विषय के बारे में अधिकतर लोगों को पूरी जानकारी नहीं है। ये सर्जरी जबड़े के ट्रिटमेंट के लिए काम करती है। ये ऊपर वाला जबड़ा (मैग्जेंला ) और नीचे वाला जबड़ा (मेटिबल) भी हो सकता है। जबड़े की परेशानी कई तरह से हो सकती है जिसमें जेनिटिक कारण भी शामिल है। इस केस में देखा जाता है कि रोगी का मुंह कम या ज्यादा खुलने लगता है। डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि कई रोगियों को इस बारे में पता ही नहीं होता है कि इस परेशानी को सही किया जा सकता है, जिससे Orthognathic सर्जरी कहते हैं।

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इस सर्जरी के दौरान जबड़े को आर्टिफिशियल तरीके से फैक्चर किया जाता है। उसके बाद सर्जरी करने के लिए उन्हे इनके स्थान से हटाया जाता है। जबड़ों को सही तरीक से जोड़ने के लिए स्क्रू का इस्तेमाल भी किया जाता है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद जबड़े को उसकी स्थाई जगह पर रख दिया जाता है। ये सर्जरी काफी जटिल होती है और इसके लिए रोगी हो हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ता है। डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने बताया कि इस परेशानी के वजह से ही दांतों की दिशा गलत होती है। वो एक दूसरे से ओवरलेप करते हैं।

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