देहरादून,उत्तराखंड का ड्रग विभाग मुफलिसी के दौर से गुजर रहा है विभाग में कर्मचारियों की कमी है तो अधिकारियों का टोटा भी साफ दिखाई दे रहा है, जिसके चलते नियम और कानून का सबसे ज्यादा पालन करने वाला विभाग खुद को सशक्त करने में ही नाकाम साबित हो रहा हैं अब स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत प्रतिनियुक्ति के जरिए उत्तराखंड में ड्रग निरीक्षकों की तैनाती कराए जाने को लेकर दावा कर रहे हैं ।। 22 सालों के राज्य में ड्रग विभाग राजस्व के लिहाज से खासा महत्वपूर्ण रहा है लेकिन सरकारी उपेक्षा के चलते आज भी ड्रग विभाग बदहाली के दौर से गुजर रहा है राज्य में वर्तमान में महज तीन ड्रग स्पेक्टर, तीन सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर, दो एडीसी व एक कंट्रोलर अपनी सेवाएं दे रहे हैं जबकि विभाग में 19 डॉक्टरों की जरूरत है, वही एडीसी की तीन पद है।