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बागेश्वर निवासी हेम पंत ने पहाड़ी उत्पादों को दिया ग्लोबल बाजार,अब सालाना कमाई आठ करोड़ के पार

बागेश्वर निवासी हेम पंत ने पहाड़ी उत्पादों को दिया ग्लोबल बाजार, सालाना कमाई आठ करोड़ के पार

बागेश्वर: अच्छा लगता है जब किसी की सालों की मेहनत रंग लाती है। हेम पंत का सालों का संघर्ष अब केवल उन्हें ही नहीं बल्कि अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहा है। 21 साल पहले महज तीन हजार रुपए के साथ शुरू किया पहाड़ी जैविक उत्पादन का काम आज सालाना करोड़ों रुपए दे रहा है।

बागेश्‍वर जिले के वज्यूला निवासी हेम पंत पहाड़ों में रहकर ही कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे ना सिर्फ वे आर्थिक रूप से सशक्त हों बल्कि औरों को भी मजबूत कर सकें। हेम पंत ने केवल तीन हजार 470 की मदद से पहाड़ के जैविक उत्पादन का कारोबार शुरू किया। मेलों व बाजारों से कारोबार की गाड़ी ने सीटी मारी तो देखते ही देखते अन्य राज्यो में भी उत्पाद पहुंचने लगे।

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हिम ऑर्गेनिक नाम देने के बाद तो हेम पंत ने पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। मार्केटिंग के नए तरीके अपनाने के साथ ही अपनी फैक्ट्री में पैकिंग और ब्रांड का लेबल लगाने का काम शुरू किया। उत्पादों की सप्लाई के साथ साथ हेम पंत का नेटवर्क भी बढ़ता गया। शुरुआत में अड़चनें आईं मगर हेम पंत ने हार नही मानी। यही कारण है कि आज कारोबार का टर्नओवर आठ करोड़ पहुंच गया है।

हेम पंत को एमएलएन यानी मल्‍टी लेवल मार्केंटिग का ज्ञान होने के बाद गाड़ी ने गति पकड़ ली। उन्होंने नेटवर्क चेन पूरे देश में बनानी शुरू कर दी। पहाड़ी उत्पादों को देश भर में पहुंचाने के साथ साथ कई घरों के खाने पीने की व्यवस्था भी हेम पंत के हिम ऑर्गेनिक के कारण ही हो रही है। बता दें कि लोग खुद कमीशन के आधार पर उत्‍पादों का मार्केट मना रहे हैं।

गौरतलब है कि इस वक्त हेम पंत की फैक्ट्री में 55 कर्मी काम कर रहे हैं। साथ ही 150 करीब महिला समूह भी उनसे जुड़े हुए हैं। इसके अलावा क्षेत्र के करीब तीस हजार किसानों की आर्थिक स्थिति को ऊपर उठाने में भी हेम पंत बड़ा रोल निभा रहे हैं। करीब 24 गांव में फिलहाल जैविक खेती हो रही है। पहाड़ में खेती के रकबे के साथ किसानों की आय बढ़ गई है।

पुरड़ा गांव के करीब स्थित हिम ऑर्गेनिक फैक्ट्री में जैम, अचार, शहद, नमकीन के साथ राजी, लाल चावल, झोगरा, हल्‍दी सिसूना, अजार, मसाले, धनिया, अलसी, सोयाबीन, भट, मसूर, गहत, चौलाई, राजमा, बुरांश-टी आम, मिर्च, लहसून अदरक का अचार, संतरा, माल्‍टा का जूस आदि का उत्‍पादन हो रहा है।

बागेश्‍वर जिले के अलावा अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली आदि जिले के कास्तकारों की मदद से जैविक उत्पादों को तैयार कर कंपनी बंगाल, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश, यूपी, मुंबई, दिल्ली एनसीआर और उत्तराखंड के करीब सभी जिलों में सप्लाई कर रही है। बता दें कि मडुवा, भट्ट के विस्किट और नमकीन भी डिमांड बढ़ी है।

खास बात ये है कि कोरोना के समयकाल में भी कंपनी ने अच्छा प्रॉफिट कमाया है। लाजमी है कि ये हेम पंत की मेहनत, लगन और सीखकर आगे बढ़ते रहने की जिद ही है जो आज हिम ऑर्गेनिक बड़ी से बड़ी कंपनियों को टक्कर देने में सक्षम मानी जा रही है। हिम आर्गेनिक के निदेशक हेम पंत के मुताबिक ने शुरुआत में पूंजी ना होने के कारण धीरे-धीरे कारोबार को आगे बढ़ाया गया।

जब ऐसा लगा कि बाहर लोग पहाड़ी उत्पाद खरीदना चाह रहे हैं तो पूरे फोकस से काम किया। गौरतलब है कि अब उनके कारोबार में पत्‍नी और उनके दो बेटे भी सहयोग करते हैं। 2025 तक उन्‍होंने अपने कारोबार को 50 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्‍य रखा है। वहीं उद्योग महाप्रबंधक जीपी दुर्गापाल ने बताया कि विभाग उद्यमियों को हरसंभव मदद कर रहा है।

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