लालकुआं: विधानसभा चुनाव दरवाजे पर खड़े हैं। क्षेत्रों में गहमा गहमी शुरू हो गई है। उत्तराखंड की राजनीति में आए दिन कुछ ना कुछ घटित हो रहा है। पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर विधायकों का भी इस पार्टी से उस पार्टी में जाना शुरू हो गया है। एक क्षेत्र से दो-तीन दावेदार खड़े हो जा रहे हैं। लालकुऊं में भाजपा के विधायक होने के बावजूद एक और नेता ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है।
दरअसल 2022 विधानसभा चुनावों से पहले लालकुआं में हलचल तेज हो गई है। चुनावों से पहले पार्टी से टिकट लेने की रेस में पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हेमंत द्विवेदी का नाम भी जुड़ा हुआ है। अब द्विवेदी ने अपने एक कदम से भाजपा व पूरे क्षेत्र को बड़ा संदेश दिया है। दरअसल हेमंत द्विवेदी अब लालकुआं क्षेत्र में ही अपना निवास स्थान तैयार करवा रहे हैं। हो ना हो, यह कदम मौजूदा विधायक नवीन दुम्का द्वारा छेड़े गए बाहरी व स्थानीय की बहस के लिए एक चुनौती है।
गौरतलब है कि लालकुआं विधायक नवीन दुम्का बीते समय में एक बात लगातार कहते आ रहे हैं। उन्होंने अन्य नेताओं की विधायकी के लिए दावेदारी पर कई बार स्थानीय बनाम बाहरी की बात कही है। दुम्का का कहना है कि लालकुआं से दावेदारी करने वालों की अपनी भी विधानसभाएं होंगी, जहां वह रहते होंगे। कहीं ना कहीं दुम्का ने स्थानीय बनाम बाहरी का सवाल अपने ही पार्टी के दावेदारों पर उठाया था।
अब इस चर्चा को हवा मिली तो पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हेमंत द्विवेदी ने मास्टरस्ट्रोक खेला है। उन्होंने लालकुआं विधानसभा के नारायणपुरम में अपना स्थाई निवास बनाना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 16 नवंबर को हेमंत द्विवेदी के जन्मदिन के मौके पर हल्दूचौड़ नारायणपुरम में हजारों लोगों के भंडारे के साथ इस घर में अपना स्थाई निवास शुरू करेंगे। गौरतलब है कि इसके बाद उनकी दावेदारी पर उठ रहे स्थानीय बनाम बाहरी सवाल पर विराम लग जाएगा।
बता दें कि लालकुऊं विधानसभा से भाजपा की ओर से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हेमंत द्विवेदी फिलहाल वक्त में नीलम कॉलोनी हल्द्वानी में निवास करते हैं। हेमंत द्विवेदी लगातार जनसंपर्क में लगे हुए हैं। बीते दिनों आई आपदा में भी उन्होंने लगातार जनता का हाल चाल जाना। जिसे एक बड़ा संकेत माना जा रहा है।
इससे पहले कालाढूंगी विधानसभा सीट पर भी माथापच्ची हुई थी। वर्तमान विधायक बंशीधर भगत के भाजपा से होने के बावजूद सुरेश तिवारी और गजराज बिष्ट पार्टी से इस सीट के लिए दावेदारी पेश कर चुके हैं। हालांकि बंशीधर भगत ने कालाढूंगी सीट ना छोड़ने की अपनी इच्छा जाहिर कर दी थी। लाजमी है कि भाजपा के लिए चुनावों से पहले सिरदर्द बना हुआ है।