नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने बी.डी.पाण्डे अस्पताल से अतिक्रमण हटाने के निर्देश डीएम और एसडीएम को दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने नैनीताल निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक अशोक लाल साह उर्फ ‘गुरु जी’ की जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी किया है।
नैनीताल निवासी याचिकाकर्ता अशोक साह ‘गुरुजी’ द्वारा बी.डी.पाण्डे अस्पताल में सुविधाओं को लेकर एक पीआईएल दाखिल की थी। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार से अस्पताल की भूमि को तत्काल प्रभाव से खाली करने को कहा है। इससे पहले सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार से अस्पताल क्षेत्र में कब्जे की विस्तृत जानकारी देने को कहा था।
उच्च न्यायलय ने कुछ समय पूर्व, वरिष्ठ अधिवक्ता वी.के.कोहली, पूर्व बार महासचिव विकास बहुगुणा और याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज से औचक निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था। रिपोर्ट आने के बाद न्यायालय अस्पताल की एक एकड़ भूमि में अतिक्रमण की जानकारी सामने आई है।
कोर्ट ने अस्पताल की 1.49 एकड़ भूमि पर काबिज परिवार को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त कराने के आदेश जिलाधिकारी और एस.डी.एम.को दे दिए हैं। इस क्षेत्र में सौ से अधिक अतिक्रमण किये गए हैं जिन्हें तत्काल हटाया जाएगा।
याचिका में यह भी कहा गया कि बीडी पांडे हॉस्पिटल शहर का मुख्य चिकित्सालय है लेकिन छोटी से छोटी जांच के लिए मरीजों को हल्द्वानी के चक्कर काटने पड़ते हैं।
याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ से जिले के मुख्य अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रार्थना की है इससे शहर में आने वाले सैलानियों और स्थानीय लोगों को इलाज आसानी से मिल सके।