नई दिल्लीः रविवार 7 जुलाई को डीआरडीओ ने पोखरण में नाग मिसाइलों का सफल परीक्षण किया। इन नाग मिसाइलों का सेना में शामिल होने से सेना को और ज्यादा ताकत मिलेगी। डीआरडीओ के एक अधिकारी ने बताया कि, दिन और रात दोनों वक्त नाग मिसाइलों का परीक्षण किया गया जो पूरी तरह से सफल रहा।
सरकार के सूत्रों ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि, मिसाइल सेना में शामिल किए जाने के अंतिम चरण में है। इन मिसाइलों को एक खास तरह की गाड़ियों में लगाया जाएगा।रक्षा अधिग्रहण परिषद ने पिछले साल 524 करोड़ रुपये की लागत से डीआरडीओ के डिजाइन और विकसित नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस) की खरीद को मंजूरी दी है।
इस प्रणाली में मिसाइल वाहक (NAMICA) के साथ तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल नाग शामिल है। नाग मिसाइल तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जिसमें शीर्ष हमले की क्षमता होती है जो दिन और रात के दौरान सभी ज्ञात दुश्मन के टैंकों को प्रभावी ढंग से संलग्न और नष्ट कर सकती है।
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सेना में नाग मिसाइल के सफल समावेश से दुश्मन के कवच के खिलाफ सेना की क्षमता को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सेना और डीआरडीओ को मिसाइल की क्षमताओं को और अधिक मान्य करने के लिए सोमवार को भी मिसाइलों का परीक्षण करना है।