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हॉकी स्टार वंदना कटारिया को मिलेगा अर्जुन अवार्ड, भाई ने कहा आज पिताजी होते तो बहुत खुश होते…

हॉकी स्टार वंदना कटारिया को मिलेगा अर्जुन अवार्ड, भाई ने कहा आज पिताजी होते तो बहुत खुश होते...

हरिद्वार: कुछ सपने आंख बंद किए हुए पूरे नहीं होते। उन्हें आंखें खोलकर, जी जान लगाकर पूरा करना पड़ता है। प्रदेश की बेटी और भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार खिलाड़ी वंदना कटारिया ने एक सपना और पूरा कर दिया है। वंदना को प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा। हैट्रिक गर्ल ने ना सिर्फ अपनी बल्कि अपने स्व. पिता की इच्छी भी पूरी कर दी है। पूरे परिवार की आंखों में खुशियों के आंसू हैं। हर तरफ जश्न का माहौल है।

हरिद्वार के उप जिला क्रीड़ा अधिकारी वरुण बेलवाल ने पुष्टि की है कि वंदना कटारिया को हॉकी इंडिया की संस्तुति पर अर्जुन अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। भाई पंकज कटारिया ने बताया कि वंदना को अर्जुन अवाॅर्ड मिलने से काफी खुशी है। बता दें कि वंदना को अवार्ड मिलना ना सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरी धर्मनगरी और पूरी देवभूमि के लिए गर्व की बात है। परिजनों का कहना है कि उनके लिए तो यह दीपावली का उपहार है। 

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गौरतलब है कि हरिद्वार के रोशनाबाद गांव निवासी भारतीय महिला हॉकी टीम की खिलाड़ी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हैट्रिक लगाई थी। ऐसा करने वाली वंदना पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बन गईं। तब से लेकर अबतक हर कोई वंदना के कारनामों की चर्चा कर रहा है।

देश विदेश से वंदना को तारीफ मिली। लोगों ने हरिद्वार में स्वागत भी गजब का किया। वहीं दूसरी प्रदेश सरकार ने उन्हें ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का ब्रांड एंबेसडर घोषित कर दिया था। इसके अलावा उन्हें 25 लाख का नकद पुरस्कार दिया था। लेकिन वो कहते हैं ना एक सपने को पूरा करने के पीछे कुछ लोग छिपकर काम करते हैं।

वंदना के पिता टोक्यो ओलंपिक से पहले ही इस दुनिया को अलविदा कहकर जा चुके थे। इसलिए वंदना का ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करना कहीं ना कहीं अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि रही। बहरहाल भाई पंरज कटारिया बताते हैं कि पिता नाहर सिंह की इच्छा थी कि बेटी को अर्जुन अवार्ड उनकी आंखों के सामने मिले।

पंकज ने बताया कि वर्ष 2015 में भी वंदना को अर्जुन पुरस्कार दिए जाने की संस्तुति की गई थी। मगर उस समय अर्जुन अवाॅर्ड के लिए वंदना का चयन नहीं हो सका था। इसके बाद भी पिता ने वंदना का मनोबल बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पिता वंदना के लिए हमेशा एक दोस्त की तरह रहे।

उन्होंने बताया कि वंदना को अर्जुन अवाॅर्ड मिलने की पिता की इच्छा पूरी हो गई। आज पिता जिंदा होते तो उन्हें बहुत खुशी होती। वंदना की मां सोरन देवी ने भी बेटी को अर्जुन पुरस्कार के लिए चयन होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।

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