देहरादून- राज्य में मानसून अवधि में राजकीय कार्मिकों को अवकाश स्वीकृत न किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव एसएस संधू ने सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, सभी विभागाध्यक्ष को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि प्राकृतिक आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड राज्य बेहद संवेदनशील है और मानसून अवधि में राज्य में अतिवृष्टि बाढ़ भूस्खलन बादल फटने आदि प्राकृतिक आपदाओं से राज्य के कतिपय जनपद अत्याधिक प्रभावित होते हैं।
जिससे राज्य में जनजीवन अस्त व्यस्त होता है। शासकीय एवं निजी परिसंपत्ति का नुकसान जनहानि, पशु हानि एवं कृषि योग्य भूमि आदि की क्षति होती है। इस स्थिति में प्रभावित लोगों को तत्काल राहत उपलब्ध कराना एवं राहत सामग्री वितरण एवं विद्युत पेयजल परिवहन सुचारु करने में शासकीय अधिकारियों कार्मिकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि मानसून की तैयारियों से संबंधित समीक्षा बैठक में यह बात संज्ञान में आई है कि कतिपय अधिकारी कर्मचारी अपने विभागीय उच्चाधिकारियों से लंबी अवधि में अवकाश स्वीकृत कराते हुए अवकाश के उपभोग हेतु प्रस्थान कर जाते हैं। जिससे मानसून अवधि में बचाव व राहत कार्य में व्यवधान उत्पन्न होता है।
मुख्य सचिव ने शासन स्तर पर सम्यक विचार के उपरांत 30 सितंबर 2022 तक अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़ते हुए किसी भी अधिकारी कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत न किया जाए। यदि अपरिहार्य परिस्थिति में किसी अधिकारी कर्मचारी को अवकाश स्वीकृत किया जाता है, तो अवकाश स्वीकृत अधिकारी का यह दायित्व होगा कि वह अवकाश स्वीकृति आदेश में ही उनके बदले दूसरी व्यवस्था भी सुनिश्चित कर ली जाए।