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उत्तराखंड पहुंचे अमित शाह ने कहा केंद्र ने समय पर दिया था अलर्ट,वरना हालात और खौफनाक होते

उत्तराखंड पहुंचे अमित शाह ने कहा केंद्र ने समय पर दिया था अलर्ट,वरना हालात और खौफनाक होते

देहरादून: प्रदेश में हर तरफ नुकसान के दृश्य देखने को मिल रहे हैं। एक बार फिर बारिश ने अपना विकराल रूप दिखाकर देवभूमि में आपदा बनकर दस्तक दी। जिसका नतीजा ये रहा कि कईयों की जानें चली गईं। लोगों के घर बह गए। रास्ते टूट गए, संपर्क मार्गों पर भूस्खलन हो गया। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड दौरे पर बड़ी बात कही है।

दरअसल आपदा ग्रसित उत्तराखंड की सुध लेने के लिए अमित शाह बुधवार को देर रात देहरादून पहुंच गए थे। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने केंद्रीय गृहमंत्री का स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने गुरुवार को पूरे प्रदेश में अधिक प्रभावित जगहों का हवाई सर्वेक्षण किया।

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केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने करीब दो घंटे (सुबह 9.45 बजे से दोपहर 12.30 बजे) तक गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि मैंने तबाही के हालात देखे। भारत सरकार की ओर से चेतावनी मिलने के बाद उत्तराखंड में आपदा से कम नुकसान हुआ है। 

अमित शाह ने बताया कि हमें पहले से जानकारी थी इसलिए अलर्ट पर रहने के कारण जनहानि कम हुई है। उन्होंने कहा सरकार ने पहले ही पूरी तैयारी कर ली थी। वरना हालात और खराब हो सकते थे। शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पीठ थपथपाई और कहा कि सीएम ने सूझबूझ से काम किया। सभी एजेंसियों ने समय पर अपना काम किया। चारधाम यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका गया।

गृह मंत्री शाह ने कहा कि तैयारी के कारण ही चारधाम यात्रा में किसी यात्री की मौत नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन की तरफ से पहले ही 250 करोड़ रुपए दिया गया है। इसके अलावा केंद्रीय टीम द्वारा नुकसान का आंकलन किया जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार राज्य को पूरी सहायता देगी। एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ सभी बारिश आने से पहले ही अलर्ट पर रहे।

गौरतलब है कि अबतक प्रदेशभर में आपदा के चलते 64 की मौत हुई हैं। 11 से अधिक लोग लापता हैं। ट्रेकिंग टीम भी लापता है। आपदा में 3400 लोगों को बचाया गया है। कुमाऊं में बुधवार को बारिश की रफ्तार थमी। सभी जिलों में धूप खिली लेकिन आपदा से हुआ नुकसान अब धीरे धीरे सही मायनों में पता लग रहा है।

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