नैनीताल: मार्च के बाद एक बार फिर नैनीताल में सैलानी पहुंचने लगे हैं। सैलानियों की भीड़ ने होटल, होम स्टे, नाव संचालकों के चेहरों खुशी वापस ला दी है। कोरोना वायरस के मामलों के कम होने के बाद सरकार ने CURFEW में राहत दी है। ऐसे में पर्यटक भी घूमने के लिए निकल पड़े हैं, हालांकि उन्हें कोरोना वायरस की नेगेटिव रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
हालांकि दूसरे राज्यों से आ रहे पर्यटक होटलों में ऑनलाइन बुकिंग के बजाए ऑफलाइन बुकिंग करा रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के चलते रोजाना नए नियम बन रहे हैं। सरकार कब कौन सा नियम लागू कर दे, इसलिए वह ऑफलाइन बुकिंग के फेवर में हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस के वजह से नैनीताल करीब तीन महीने से पर्यटकों के लिए तरस गया था। सरकार ने Curfew घोषित किया था और पर्यटन व्यापारियों व अन्य कामकाज करने वालों के लिए जीवनपालन करना मुश्किल साबित हो रहा था।
नैनीताल, भीमताल, सातताल, नौकुचियाताल, मुक्तेश्वर और रामगढ़ में हर साल हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचने हैं लेकिन पिछले डेढ़ साल में कोरोना वायरस के चलते इस काम से जुड़े लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उत्तराखंड में बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले लोगों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट के अनिवार्य रूप से लानी हैं। व्यापारियों ने सरकार से अपील की है कि वह कोविड वैक्सीन की दोनों डोज़ लगा चुके सैलानियों को कोरोना टेस्ट नियम से छूट दे। ऐसा करने से सैलानियों की संख्या बढ़ेगी।