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एक्शन में पिथौरागढ़ डीएम आशीष चौहान, लापरवाही मिलने पर अधिकारियों का वेतन रोका

देहरादून: राज्य में कई ऐसे अधिकारी हैं जो लापरवाही को बिल्कुल बर्दास्त नहीं करते हैं। वह जनता की परेशानी को व्यक्तिगत परेशानी समझकर उसका हल खोजते हैं। उत्तराखंड में पिछले 7-8 सालों कई जिलाधिकारी आए हैं जिन्होंने अपने काम से लोगों को दिल में जगह बनाई है। उनका मकसद केवल एक है… उन्हें जनता की सेवा करने के लिए भेजा गया है… अपने काम से वह युवा पीढी को भी प्रेरित कर रहे हैं।

आईएएस डॉ. आशीष चौहान उत्तरकाशी के बाद पिथौरागढ़ में लापरवाही पर प्रहार कर रहे हैं। पिथौरागढ़ डीएम डॉ. आशीष चौहान लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। डीएम ने घटखोला में बाढ़ सुरक्षा कार्यों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने नर्सिंग कॉलेज और वहां पर स्थित सीपीसी सेंटर की व्यवस्थाएं भी जांची। कॉलेज में प्रधानाचार्य मौजूद नहीं थे और उनका वेतन रोकने के निर्देश भी डीएम ने दिए हैं। कॉलेज में अग्निशमन उपकरण भी एक्सपायरी डेट के मिले।

सीपीसी सेंटर में पंजिका रजिस्टर में गड़बड़ी पाई गई। रजिस्टर में अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के क्रमांक के आगे प्रश्नचिह्न लगाने के बाद भी कर्मचारियों के हस्ताक्षर किए गए थे। जिस पर डीएम ने नाराजगी जताई और सीपीसी सेंटर प्रभारी को एक मूवमेंट रजिस्टर बनाने को कहा।

कुछ दिन पहले धारचूला में चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क का निरीक्षण किया। यह सड़क दारमा वैली को लिंक करती है और करीब दो महीने से बंद हैं। ऐसा होने से सैकड़ों ग्रामीण क्षेत्रों का कनेक्शन एक दूसरे से टूट गया है। डीएम चौहान के सामने जैसे ही ये मामला सामने आया उन्होंने सीपीडब्ल्यूडी सहायक अभियंता और अवर अभियंता की सैलरी रोकने के निर्देश दिए हैं।

डीएम ने अधिकारियों से कहा कि सड़क जल्द से जल्द खोली जाए और रात में भी काम जारी रहे। उन्होंने इन सभी के पूर्ण व्यवस्था बनाने के लिए एसडीएम को निर्देश दिए गए। डीएम ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड का निरीक्षण किया। यहां पर सौ बेड बनाए गए हैं।

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