देहरादून: उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने साफ किया था कि पुलिस में भ्रष्टाचार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक वीडियो संदेश जारी कर उन्होंने कहा कि जो भी पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया, वह अपना वर्दी पहनने का हक खो देगा। इसके अलावा सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान भी उन्होंने साफ किया था कि वह भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस रखेंगे। बावजूद इसके आईएसबीटी चौकी प्रभारी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया। जिसके चलते डीजीपी ने संबंधित अधिकारी को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पीड़ितों की फरियाद सुनने और उनके निस्तारण करने के सख्त निर्देश दिए है।
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बता दे कि हिमाचल प्रदेश के गोंदपुर पोंटा साहिब के रहने वाले इकरार अहमद ने पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार को ईमेल भेजकर न्याय की गुहार लगाई थी। इस दौरान उन्होंने ईमेल से अवगत कराया था कि उनका 18 वर्ष का बेटा शब्बर 14 दिसंबर से आईएसबीटी देहरादून से गुमशुदा है, वह हरिद्वार से बस के माध्यम से आईएसबीटी पहुंचा था और आखिरी बार उसे सीसीटीवी कैमरे में आईएसबीटी देहरादून के परिसर में घूमते हुए देखा गया था, लेकिन इकरार अहमद की ओर से उनके बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए जब वह चौकी प्रभारी आईएसबीटी देहरादून से मिले, तो उन्होंने इसे हरिद्वार का मामला बताकर पिछले 5 दिनों से उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इस मामले में तत्काल संज्ञान लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने संबंधित अधिकारी को लाइन हाजिर करने के निर्देश दिए हैं।
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