देहरादून आज से 17 साल पहले उत्तराखण्ड का गठन इसलिए हुआ था ताकि राज्य के लोगों को उचित अवसर मिलें मगर जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं वो आपको गुस्से से भर देगी ।
उत्तराखंड में 23 मार्च को राज्यसभा के चुनाव होने हैं, लेकिन सिय़ासत तो पहले से ही सज चुकी है। हर कोई अपने अपने तरीके से दिल्ली हाइकमान को मनाने की कोशिश कर रहा है। गुटबाजी की चर्चाएं और जोड़तोड़ की राजनीति सब कुछ चल रहा है। लेकिन अन सब के बीच खबर ये मिल रही है कि आलाकमान उत्तराखण्ड से किसी बाहरी चेहरे को राज्यसभा की कमान सौंप सकता है। सियासी गलियारों से खबर निकलकर आ रही है कि राज्यसभा सीट के लिए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अजय भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेताओं के हवाले से स्पष्ट तौर पर कहा जा रहा है कि तकरीबन आठ सीनियर नेता बड़ी गर्मजोशी से दिल्ली से देहरादून की लॉबिंग में लगे हुए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल गुप्ता, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और सह महामंत्री शिव प्रकाश का नाम सबसे मुख्य तौर पर लिया जा रहा है। धर्मेंद्र प्रधान फिलहाल उड़ीसा से राज्यसभा सांसद हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह यूपी या फिर उत्तराखंड से उनकी दावेदारी को आगे बढ़ा सकते हैं।
एक सीट वर्तमान सांसद महेंद्र सिंह माहरा के रिटायर होने के बाद खाली हो रही है। 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार का चुना जाना तय है। हालांकि खबरें तो ये भी कह रही हैं कि अजय भट्ट केंद्रीय नेतृत्व के पसंद के रूप में उभर सकते हैं। उधर विजय बहुगुणा भी बीचे बीच में केंद्रीय नेतृत्व के सामने पार्टी में अपनी मौजूदगी का अहसास कराते रहते हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस बार उत्तराखंड से किसी चेहरे को राज्यसभा की टिकट मिलेगी या नहीं । इस सवाल का जवाब 23 मार्च को मिलेगा ।