चंपावत: पहाड़ों में प्यार का वास होता है। यहां जन्में बच्चे और यहां पर पले बढ़े युवा अपने दिल में प्यार लेकर पूरी दुनिया का दिल जीतने का माद्दा रखते हैं। चंपावत के पवनदीप राजन ने इंडियन आइडल 12 की ट्रॉफी जीत कर पूरे प्रदेश को खुश तो किया मगर वह खुद इस दौरान बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे। पवनदीप का कहना है कि इस स्टेज पर पहुंचने वाला हर प्रतिभागी विनर होता है।
इंडियन आइडल 12 सीजन रिकॉर्ड ब्रेकिंग सीजन रहा। प्रतिभागियों की दृष्टि से भी इस बार एक से बढ़ कर एक कलाकार सिलेक्ट हुए थे। फाइनल में पवनदीप और अरुणिता कांजीलाल के अलावा मोहम्मद दानिश, सायली कांबले, शनमुखाप्रिया और निहाल पहुंचे थे। जिसमें पवनदीप ने अधिक वोट पा कर ट्रॉफी अपने नाम की। जबकि अरुणिता दूसरे नंबर पर रहीं।
मगर ट्रॉफी के साथ 25 लाख रुपए और बढ़िया कार जीतने के दौरान पवनदीप राजन के दिमाग में कुछ और चल रहा था। खुद पवनदीप मानते हैं कि बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इतने समय से एक साथ रहने के बाद कंटेस्टेंट एक परिवार का हिस्सा बन चुके थे। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बात करते हुए पवनदीप ने मन की बात बताई।
चंपावत के पवनदीप राजन ने कहा कि ‘आखिरी वक्त में मैं ज्यादा कुछ सोच नहीं रहा था। मेरे दिमाग में बस एक ही बात थी कि शो जीतने वाला हम में से ही कोई एक दोस्त होगा। क्योंकि हम एक परिवार हैं, इसलिए ट्रॉफी लेते समय भी मैं बहुत अच्छा महसूस नहीं कर रहा था क्योंकि सभी इसके हकदार थे। पवनदीप ने कहा हमने एक दूसरे के टच में रहने और आगे साथ काम करने का प्लान किया है।
पवनदीप ने कहा कि उनका परिवार वहां पर मौजूद था। उनकी मां रो रहीं थीं। दोस्त भी आए हुए थे। सब बहुत खुश और उत्साहित थे। गौरतलब है कि ट्रॉफी जीतने के बाद की यह भावना कहीं ना कहीं पवनदीप का जमीन से जुड़ाव दर्शाती है। पहाड़ के इस बेटे ने हमेशा की तरह इस बार भी दिल जीत लिया है। बता दें कि पूरे प्रदेश में अब भी जश्न का माहौल है।