हल्द्वानी: आज तकनीकी दुनिया में जिन सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं का जिक्र होता है, उनमें से एक है डिजिटल तकनीकी भी है। दुनिया भर के सरकारी तथा निजी संस्थान इस प्रक्रिया को अपनाकर न सिर्फ बेहतर परिणाम प्राप्त कर रहे हैं बल्कि अपने खर्च भी घटा रहे हैं। वहीं नगर निगम विभाग को डिजिटल तकनीकी से जोड़ने के लिए केंद्रीय शासन ने पहल शुरू कर दी है। नगर क्षेत्र के अंतर्गत ड्रोन के जरिए नक्शा तैयार कर संपत्तियों का ब्योरा तैयार किया जाएगा।
इसके लिए शासन की ओर से एक निजी कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। कंपनी द्वारा 18 माह के भीतर काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। लगभग 52 वर्ग किमी के दायरे में बसे क्षेत्र में कंपनी द्वारा जीआईएस (भौगोलिक सूचना तंत्र) तैयार किया जाएगा। ड्रोन से प्राप्त तस्वीरों में निजी भवन, व्यावसायिक भवन, सहित खेतों का क्षेत्रफल व संपत्ती स्वामियों का नाम, आदि दर्ज किया जाएगा। ताकि विभाग द्वारा भवनों और संपत्तियों का मिलान कर उनका संरक्षण किया जा सके।
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सहायक नगर आयुक्त विजेंद्र सिंह चौहान के अनुसार कंपनी के कर्मचारियों को आवश्यक अभिलेख उपलब्ध् करा दिए गए है। इस तकनीक के पूर्ण होने से विभागीय कार्यों में भी तेजी आएगी और लोगों को भी इस सुविधा का लाभ मिलेगा। पहले चरण में कंपंनी के कर्मचारियों ने नगर में सर्वे कर विभागीय अभिलेखों से मिलान करने का काम शुरू कर दिया है। फरवरी माह से ड्रोन कैमरों की मदद से मैपिंग तैयार करने का काम चलेगा। अगले चरणों में कंपनी के कर्मचारियों द्वारा नगर क्षेत्र में डोर टू डोर सर्वे किया जाएगा। कहा संपत्ति सें संबंधित कार्यों व हाउस टैक्स जमा करने के लिए लोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते है। जबकि जीआईएस तकनीकि से लैस होने के बाद लोग आसानी से घर बैठे इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे।
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