हल्द्वानी: प्राकृतिक आपदाएं हमेशा से ही आम जनमानस की बड़ी दुश्मन रही हैं। खासकर, पहाड़ी दूरस्थ इलाकों में रहने वाले लोगों को आपदा की सबसे अधिक मार झेलनी पड़ती है। बहरहाल आपदा में होने वाले जान-माल का अधिक नुकसान सब शांत हो जाने के बाद पता लगता है। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में आई आपदा के कारण बाधित हुए कई संपर्क मार्ग अबतक नहीं खुल सके हैं।
धीरे धीरे मार्गों को खोलने की प्रक्रिया जारी है। गौरतलब है कि 18 व 19 अक्टूबर को हुई भारी बारिश ने कई पहाड़ी व मैदानी क्षेत्रों में त्राहि त्राहि मचा कर रख दी। इससे कई लोगों की जान गई, कईयों के आशियाने बह गए। नदियां अपने साथ पुलों को बहा कर ले गई तो भूस्खलन ने जिलों के बीच के रास्तों को बंद कर दिया।
नैनीताल जिले में कई मार्ग बंद हुए। हालांकि जिला प्रशासन व सरकारी मशीनरी के ऊपर दबाव आपदा के बाद भी बना रहता है। नैनीताल में जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल के नेतृत्व में मार्गों को खोलने का काम लगातार हो रहा है। हर दिन कई मार्गों को खोलकर यात्रियों के लिए जानकारी साझा की जा रही है।
इसी कड़ी में अब नैनीताल जिलाधिकारी ने एक और रूट के खोले जाने को लेकर जानकारी दी है। दरअसल 19 अक्टूबर से बंद पड़े कैंची भवाली खैरना सड़क मार्ग को छोटे वाहनों के यातायत के लिए खोल दिया गया है। अभी अन्य बंद पड़े मार्गों को खोलने को लेकर काम किया जा रहा है। गौरतलब है कि रास्ते बंद होने से कई क्षेत्रों में खाद्यान्न संबंधी दिक्कतें भी आने लगी थी। अब रास्तों के खुलने से लोगों (व यात्रियों) को राहत मिलेगी।