हल्द्वानी:शुक्रवार को हाई वॉल्टेज तार की चपेट में आने वाले कमल रावत को इंसाफ मिल पाएगा। बिजली विभाग की लापरवाही के चलते युवक की मौत हो गई। यह हादसा विभाग की लापरवाही के चलते हुआ है और लिप्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग हो रही है। पूरा राज्य कमल के परिवार को सहयोग व आर्थिक मदद की अपील विभाग व सरकार से कर रहा है। यह मामला सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष पहुंच गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने काफी गंभीरता से लिया है और घटना पर गहरा दुख जताया । उन्होंने ऊर्जा सचिव राधिका झा को पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ किया है कि जो भी इस हादसे का जिम्मेदार होगा उसे बिल्कुल नहीं छोड़ा जाएगा।
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गौरतलब है कि जवाहर ज्योति दुमुवाढूंगा निवासी कमल रावत (29) पुत्र एमएस रावत एक हॉस्पिटल में कंपाउंडर था। कमल साइकिल से ड्यूटी पर जा रहा था। सुबह करीब नौ बजे कमल जैसे ही वॉक मॉल के पास पहुंचा तभी वहां हाइटेंशन लाइन का तार टूटने से उसकी चपेट में आ गया और करंट से झुलसकर कमल की मौके पर ही मौत हो गई।ऊर्जा सचिव राधिका झा ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सीनियर स्तर के अधिकारी मुख्य अभियंता एमएल प्रसाद को जांच अधिकारी नामित कर उनसे रिपोर्ट मांगी है। प्रसाद मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए हैं।
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अधिशासी अभियंता ग्रामीण अमित आनंद की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी की प्रथमदृष्टया रिपोर्ट में एसएसओ की लापरवाही प्रतीत हुई है। फाइनल रिपोर्ट मिलने पर इस घटना के लिए जिम्मेदार लापरवाह अफसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निचले स्तर के तकनीकि अधिकारियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा। घटना में मृतक आश्रित को तत्काल चार लाख मुआवजा दिया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भी सहायता की कोशिश की जाएगी।