हल्द्वानी: राज्य की बेटियां अपन परिश्रम से नाम रौशन कर रही हैं। उन्होंने उस सोच को पीछे छोड़ दिया है जिसमें महिलाओं को केवल घर के काम करने हेतु समझा जाता है। बेटियों को बोझ समझने वालों के मुंह पर बेटियों की हर कामयाबी एक चांटा है। इसके अलावा बेटियां अपने काम से युवा पीढ़ी को भी प्रेरित कर रही हैं यानी उनका मिशन सभी से अलग है। नौकरी के बाद घर और फिर बच्चे, एक साथ इतने काम केवल महिलाएं ही कर सकती हैं और शायद उन्हें तभी भारत में देवी के रूप में पूजा जाता है।
टिहरी और अल्मोड़ा के बाद ऊधमसिंह नगर की बेटी अनामिका सागर भी भारतीय सेना का हिस्सा बनी हैं। उन्होंने पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया और सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं। सेना के पठानकोट स्थित आर्मी अस्पताल में पहली तैनाती मिली है।
जानकारी के अनुसार मूलरूप से ग्राम बरखेड़ा पांडे काशीपुर निवासी अनामिका सागर भारतीय सेना में ऑफिसर बनी है। अनामिका के पिता सुभाष चंद्र जीआरपी काशीपुर में एएसआइ जबकि मां संगीता कुशल गृहणी हैं। बहन सलोनी सागर कोटा राजस्थान से एमबीबीएस की कोचिंग कर रही है। भाई आदर्श सागर समर स्टडी हॉल स्कूल में आठवी का छात्र है।उनकी कामयाबी के बाद क्षेत्र में खुशी का माहौल है। उनका परिवार वर्तमान में वैशाली कालोनी में रहता है।
साल 2015 में समर स्टडी हॉल स्कूल से प्रथम श्रेणी से 12वीं की परीक्षा में अपना परचम लहराया। वर्ष 2016 में आर्मी कमांड हॉस्पिटल लखनऊ के लिए उनका नर्सिंग ऑफिसर के लिए चयन हुआ। इसके बाद उनकी चार साल की ट्रेनिंग शुरू हुई। 10 मार्च को पास आउट होकर सेना में लेफ्टिनेंट बनी हैं। उन्हें पहली पोस्टिंग सेना के पठानकोट स्थित आर्मी अस्पताल में मिली है।