नई दिल्ली: बीते 7 दिनों से जयपुर के श्रीगंगानगर में किसान सिंचाई पानी के लिए आंदोलन कर रहे हैं और प्रशासन की ओर से कोई भी फैसला ना पाता देख आंदोलन उग्र हो गया है। किसान आईजीएनपी में चार में से दो समूह पानी देने की मांग कर रहे हैं । किसानों का वियोग हमेशा से यही रहा है की अगर उन्हे पानी नहीं मिला तो उनकी फसलें बर्बाद हो जाएंगी ।
रविवार रात जयपुर में किसानों और राज्य सरकार के बीच वार्ता हुई उसमें सिंचाई पानी पर तो कोई खास वार्ता नहीं हुई मगर सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल को हटा दया गया। किसानों की मांग विनोद मित्तल को हटाने की भी थी । किसान एसडीएम ऑफिस के बाहर भी पहुंच गए। किसानों ने पूरे दिन और रात पुलिसकर्मियों की पहरेदारी की और 150 पुलिसकर्मियों को बंदी बना लिया।
पुलिसकर्मियों के भाग जाऩे के डर से किसानो ने देर रात एसडीएम ऑफिस के चारों तरफ पहरेदारी की जहां बाहर किसान पहरा दे रहे थे। वहीं अंदर पुलिसकर्मी आराम से टहल रहे थे। एक बार फिर किसानों ने एसडीएम ऑफिस में जुटने का प्लान बनाया है। यह भी कहा जा रहा है कि दोपहर में संभागीय आयुक्त किसानों के साथ वार्ता करने के लिए पहुंच रहे हैं। उनका कहना है की अगर उन्हे पानी नहीं मिला तो प्रशासन को ठप कर दिया जाएगा। वही प्रशासन ने जगह जगह बेरिकेडिंग लगा कर कड़े सुरक्षा इंतजाम कर लिए हैं। ये केवल आज की स्थिति नहीं आज़ादी के पहले से लेकर आज़ादी के बाद तक देश का पेट भरने वाला किसान अपने ही पेट के लिए लड़ता रहता है । कभी बाढ़ ,कभी बारिश ऐसी प्राकृतिक त्रासदीयों से शायद वो खुद को बचा लेगा मगर अपने हक की लड़ाई उन्हे जीवन भर लड़ती रहनी है।