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चारधाम के खुलने वाले हैं कपाट, हल्द्वानी की कुसुम पाण्डे को बदरीनाथ में मिली अहम जिम्मेदारी

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Badrinath Chardham Yatra: Vishnu Dashavtar Painting: Kusum Pandey Haldwani: Haldwani Success Story:

हर वर्ष चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखण्ड आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए इस वर्ष कई व्यवस्थाएं की गई हैं। बताते चलें कि इस वर्ष यात्रा के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य है। इसी के साथ बदरीनाथ आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए इस वर्ष एक विशेष व्यवस्था की गई है। यह व्यवस्था दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगी। जी हाँ, बदरीनाथ में इस वर्ष भगवान विष्णु के दसों अवतारों की झलक चित्रों के माध्यम से देखने को मिलेगी। इसके लिए 21 कलाकारों को नियुक्त किया गया है। इस विशेष पहल की देखरेख की ज़िम्मेदारी राष्ट्रीय पुरस्कार, ललित कला सम्मान से सम्मानित हल्द्वानी की कुसुम पाण्डे को दी गई है।

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ऐपण में बनेगा लक्ष्मी का चित्र

बता दें कि बदरीनाथ में चित्रण का यह कार्य भारत सरकार के संस्कृतिक मंत्रालय के नॉर्थ सेंट्रल जोन कल्चर सेंटर द्वारा कुसुम के नेतृत्व में प्रयागराज व पटियाला को दिया गया है। चित्रों की गुणवत्ता और कला के माध्यम से अहम बिंदुओं को प्रदर्शित करने के लिए 2 मई से लेकर 9 मई तक प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किया गया था। इस दौरान क्यूरेटर कुसुम ने सभी चित्रकारों से बात की। शिविर के बाद कुसुम ने बताया कि चित्रण का थीम विष्णु जी के दस अवतारों पर केंद्रित है। उन्होंने बताया कि लक्ष्मीपती विष्णु की अर्धांगनी लक्ष्मी का चित्रण ऐपण में किया जा रहा है।

2022 में मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार

इस चित्रण में उत्तराखणड के ऐपण के अलावा महाराष्ट्र की वर्ली, बिहार की टिकुली व मधुबनी का चित्रण किया जाएगा। उत्तराखण्ड की लोककला का पुनर्जागरण विष्णु जी के धाम से हल्द्वानी की कुसुम की देखरेख में होना सभी के लिए गर्व का विषय है। कुसुम को 2022 में 62वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी के मौके पर राष्ट्रीय पुरस्कार ललित कला सम्मान से सम्मानित किया गया था। अब कुसुम अपनी कला के जादू से विश्वभर से बदरीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं का दिल जीतने को तैयार है।

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