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हल्द्वानी निवासी कुसुम पांडे ने दिल्ली में घोले पहाड़ के रंग, 15 दिन में बनाया खास रिकॉर्ड

Haldwani news: Kusum pandey: आज हल्द्वानी की बेटियां देश-विदेश में हर क्षेत्र में देवभूमि का नाम रोशन कर रही हैं। अपने प्रतिभा का लोहा मनवाने वाली हल्द्वानी शहर की बेटियां न केवल अपनी काबिलियत का प्रदर्शन कर रही हैं बल्कि देवभूमि के नाम का परचम देश- विदेशों में भी लहरा रही हैं। एक बार फिर हल्द्वानी की बेटी ने अपने शहर का ही नहीं पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है। हम बात कर रहे हैं कुसुम पांडे की। कुसुम पांडे वर्षों से कला के क्षेत्र में काम कर रही हैं। यूं तो कुसुम को कई पुरुस्कारों से नवाजा गया है। लेकिन एक बार फिर बेटी ने अपनी कला का ऐसा जादू बिखेरा है, जिसके चलते उत्तराखंड ही नहीं देश का हर एक व्यक्ति उन्हें सलाम कर रहा है। ( Kusum Pandey )

तस्वीरें जहां किसी चीज को याद बनाकर रखने का बेहतरीन जरिया होती हैं। वहीं कुछ तस्वीरें ऐसी होती हैं जिन्हें एक बार देखते ही आप उन तस्वीरों में खो जाते हैं और एक अलग ही दुनिया में अपने आप को पाते हैं। ऐसा ही कुछ हल्द्वानी की बेटी कुसुम पांडे की तस्वीरों में महसूस किया जाता है। उनके हाथों से बनी हर एक पेंटिंग कुछ अलग ही एहसास कराने लगती हैं। और एक बार फिर हल्द्वानी की बेटी ने अपनी कला का ऐसा लोहा मनवाया है कि पूरा देश उनपर गर्व कर रहा है। दरसल यूनेस्को की world heritage committee की मीटिंग की अध्यक्षता भारत प्रथम बार कर रहा है। 21 से 31 जुलाई तक दिल्ली में हो रही UNESCO World Heritage Committee की मीटिंग के लिए उत्तराखंड की कलाकार कुसुम पांडे को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और ललित कला अकादमी ने प्रोजेक्ट PARI (Public Art of India) के अन्तर्गत इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास मेहराम नगर अंडरपास और भारत मण्डपम की दीवारों का नवीनीकरण करने का कार्यभार दिया है। ( UNESCO World Heritage Committee meeting )

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परियोजना को भारत के सात प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थलों, अर्थात् ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क संरक्षण क्षेत्र, नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क, काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, मानस वन्यजीव अभयारण्य, सुंदरबन केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और पश्चिमी घाट पर प्रकाश डालने वाले विषय के साथ गुजरने वाले प्रतिनिधियों का ध्यान आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और साथ ही भारत मण्डपम में उत्तराखंड की लोक कला एपन को भी चित्रित किया। लगभग 35 फीट ऊँची और 37000 sq. Feet दीवारों को कुसुम ने अपनी टीम के साथ 15 दिनों में इस कार्य को संपन्न किया । उनके सामने कई दिक्कतें आईं जैसे गर्मी, बारिश और लगातार कई बार वीआईपी मूवमेंट होना। इस दौरान इन दीवारों को रंगना आसान नहीं था लेकिन कुसुम और उनकी टीम हार मानने वालों में से नही हैं, उन्होंने किसी भी चीज की परवाह न करते हुए इस परियोजना को पूरा करने के लिए रोजाना 16 से 18 घंटे दिन-रात काम किया। जिसके चलते उन्होंने 15 दिन में एक ऐसा खास रिकॉर्ड बना दिया है, जिसकी चर्चा पूरा देश कर रहा है। ( Kusum Pandey of haldwani made a new record in just 15 days )

बता दें कि कुसुम हल्द्वानी गौजाजाली में रंग गीत आर्ट सेंटर संचालित करती हैं। कुसुम पांडे ने फाइन आर्ट में छत्तीसगढ़ से ग्रेजुएशन और दिल्ली कॉलेज को आर्ट्स से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने अपने शौक को आगे बढ़ाने के साथ साथ कलाकारों को एक मंच देने के लिए रंग गीत आर्ट सेंटर की शुरुआत की है।

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