देहरादून: प्रदेश के एक परिवार को कुवैत एयरवेज द्वारा साढ़े चार लाख रुपए से भी ज्यादा की राशि दी जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि एयरलाइन ने उक्त परिवार के टिकट सफर शुरू होने से आधा घंटा पहले कैंसिल कर दिए थे। केवल 7 साल की बच्ची को यात्रा की अनुमति दी गई थी। जिसके बाद अब ग्राहक को हुए नुकसान की भरपाई का आदेश दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक देहरादून के बद्रीपुर, जोगीवाला में रहने वाले रिंकी मुंद्रा ने ट्रैविक्स बजट एयर डाट काम, एचडीएफसी बैंक व कुवैत एयरवेज के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में मुकदमा दायर किया था। शिकायतकर्ता की माने तो उन्होंने ट्रैविक्स से एचडीएफसी बैंक के द्वारा 1,01,521.62 रुपये का भुगतान कर विहान गर्ग, दीप्ति गर्ग, गर्वित गर्ग व विति गर्ग का टिकट बुक किया था।
बता दें कि टिकट दिल्ली से कुवैत और फिर वापस दिल्ली आने का था। जब परिवार दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा तो जहाज उड़ने से 30 मिनट पहले उन्हें पता चला कि केवल 7 वर्षीय विति का टिकट बुक हुआ है। बाकी टिकट कैंसिल कर दिए गए हैं। इस संबंध में कुवैत एयरवेज का कहना था कि वह कुछ नहीं कर सकते। जिसके बाद परिवार को ₹201520 में नया टिकट बुक कराना पड़ा। इसके अलावा अन्य रूप से भी उन्हें ₹388811 का कुल नुकसान हुआ।
मामले की सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने कुवैत एयरवेज (Kuwait Airways) को ग्राहक को हुए नुकसान की भरपाई का आदेश दिया है। आयोग के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल और सदस्य विमल प्रकाश नैथानी व अलका नेगी ने तमाम साक्ष्य के आधार पर माना कि इस प्रकरण में ट्रैवल कंपनी व बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती।
ऐसे में एयरलाइन को जिम्मेदार मानते हुए उसे 30 दिन के भीतर 4,60,332.62 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है और साथ ही ₹15000 के साथ ₹100000 की मानसिक क्षतिपूर्ति देने को भी निर्देशित किया है।