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इतिहास रचने से चूके अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन, चोट के साथ खेला जर्मन ओपन का फाइनल, जीते करोड़ों दिल


अल्मोड़ा: हार जीत लगी रहती है। लेकिन उस हार में भी कितनी बड़ी जीत छिपी है, इसे समझना जरूरी है। बता दें कि भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी और अल्मोड़ा निवासी लक्ष्य सेन जर्मन ओपन बैडमिंटन टूर्नामेट के पुरुष सिंगल्स फाइनल में पहुंचे थे। लेकिन उन्हें फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि लक्ष्य को थाईलैंड के कुनलवुत विदितसर्न ने सीधे सेटों में 21-18, 21-15 से मात जरूर दी। लेकिन लक्ष्य ने चोट के बावजूद मैच खेलने से अनगिनत दिलों को अपने नाम किया है।

बता दें कि भारत के लिए अरविंद भट्ट के रूप में सिर्फ एक खिलाड़ी ने जर्मन ओपन जीता है। साल 2014 में भट्ट पुरुष सिंगल्स का खिताब जीतने में कामयाब रहे थे। ऐसे में इस बार लक्ष्य सेन के फाइलन तक पहुंचने के बाद उम्मीद थी कि फिर से इतिहास रचा जाएगा। मगर लक्ष्य के साथ साथ उत्तराखंड और पूरे भारत का सपना टूटा है। बता दें कि मैच के दौरान एक समय जब विदितसर्न 20-18 से आगे थे तब लक्ष्य ने पैर में दर्द के कारण थोड़ी देर के लिए खेल रुकवाया। पैर में चोट के कारण उन्हें मूवमेंट में दिक्कत हो रही थी।

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लेकिन लक्ष्य ने साहस दिखाते हुए वापस कोर्ट की ओर रुख किया। हालांकि पहला सेट वो 18-21 से हार गए। फिर दूसरे सेट में भी पैर के छाले ने लक्ष्य को काफी दिक्कत दी। जिसकी वजह से लक्ष्य दूसरे सेट में 15-21 से हार गए और विदितसर्न ने खिताब अपने नाम कर लिया। इस दौरान पूरा कोर्ट लक्ष्य के समर्थन में लगाए जा रहे नारों से गूंज रहा था। हालांकि अब लक्ष्य की नजर 16 तारीख से शुरु हो रही ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप पर होगी। बता दें कि जर्मन ओपन के सेमिफाइनल में लक्ष्य ने ओलंपिक चैंपियन और विश्व नंबर 1 एक्सलसन को हराया था।

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