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चितई की लता कांडपाल ने गांव के लिए कलम छोड़ पकड़ा कुदाल, फिर तय किया कामयाबी का सफर


Almora, Lata Kandpal success story:- यदि कुछ अच्छा करने की मन में इच्छा हो और मेहनत करने से भी कोई झिझक ना हो तो व्यक्ति बड़े से बड़े मुकाम को आसानी से हासिल कर सकता है। ऐसे ही इच्छा शक्ति और मेहनत का उदाहरण है अल्मोड़ा की रहने वाली लता कांडपाल। लता ने अपनी मेहनत व लगन से एक बंजर भूमि को फिर से हरा भरा बना कर दिखा दिया। उनके इस कार्य ने न केवल सराहना प्राप्त की है बल्कि अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण बनकर सामने आया है।

शिक्षिका के रूप में दे चुकी है सेवा

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लता कांडपाल मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के हवालबाग ब्लॉक के चितई पंत गांव की रहने वाली है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने एसएससी कैंपस अल्मोड़ा से मां और देहरादून से b.ed की डिग्री हासिल की। लता ने नई दिल्ली के एनटीटी स्किल डेवलपमेंट की 12 ट्रेनिंग कोर्स जैसे कि म्यूजिक, सिलाई, कढ़ाई व पेंटिंग का भी प्रशिक्षण लिया है। करीब 15 वर्षों तक लता ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया और साथ ही गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा भी प्रदान की। (Lata Kandpal Chitai Almora)

स्वरोजगार की राह में चुनी खेती बाड़ी

अपने क्षेत्र में बढ़ती बेरोजगारी ने लता को काफी चिंतित कर दिया था। इस दौरान उनकी मुलाकात महिला हाट संस्था अल्मोड़ा की सचिव कृष्णा बिष्ट से हुई जिनसे उन्होंने मशरूम उत्पादन के गुरु सीखें । साल 2000 में लता ने मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया और पहले ही प्रयास में लगभग 25000 का मुनाफा भी अर्जित किया। उन्होंने अन्य महिलाओं को भी मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद लता ने अपनी पुरखों की जमीन की तरफ रुख किया और सालों से बंजर पड़ी इस जमीन को फिर से उपजाऊ बनाया। लता बताती है कि उन्होंने अपने गांव की 10 नाली बंजर भूमि को खुद कुदाल पड़कर हरा भरा किया है। शुरुआती दौर में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यही नहीं उन्होंने अपने परिजनों से भी कई ताने सुने। परंतु आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई। लता ने केवल खुद के लिए ही स्वरोजगार की राह नहीं चुनी, बल्कि गांव के अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान किया है। उनके कार्य से प्रभावित होकर कई अन्य गांव में भी खेती का व्यवसाय फलने फूलने लगा है।(Lata Kandpal self employed as a farmer)

10 नाली जमीन में उगा रही हैं ये उत्पाद

उन्होंने अपने खेत में एक पॉलीहाउस लगाया है, जिसमें वह गोभी, मटर, धनिया, बैंगन, टमाटर, शिमला मिर्च, पालक, आलू, लहसुन और ककड़ी की फसल लगा रखी है. इसके अलावा 10 नाली जमीन में अदरक, हल्दी, गडेरी, कीवी के पौधे, तेजपत्ता, अखरोट, खुमानी और बेल के पौधे भी लगाए हैं. (Crops cultivated by Lata Kandpal in village land)

अन्य लोगों के लिए बनी प्रेरणा

वर्ष 2023 में गेल इंडिया के अध्यक्ष आशुतोष कर्नाटक चितई गांव पहुंचे और उन्होंने लता के खेती के तौर तरीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस वर्ष दिल्ली न्याय अकादमी के 80 प्रशिक्षु और राज्य जैविक केंद्र मजखाली में प्रशिक्षण ले रहे यूपी के 40 किसानों के अलावा प्लस एप्रोच के सदस्य भी उनकी कार्यप्रणाली को समझने के लिए उनके खेतों तक पहुंचे हैं। (Lata Kandpal inspiration for others)

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