देहरादून:उत्तराखंड में परीक्षाओ को लीक करने वालों के खिलाफ अब बड़ी कार्रवाई होगी इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नकल विरोधी कानून के लिए अध्यादेश को समर्थन दिया था और उसे मंजूरी हेतु राज्यपाल के पास भेज दिया था। सरकार का यह कदम सफल रहा और राज्यपाल ने मुख्यमंत्री धामी के नकल विरोधी कानून के अनुबोदन को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसका मतलब यह है कि उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून लागू हो गया है और इसी के साथ उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जहां पेपर लीक होने पर आरोपी के खिलाफ कानून के तहत कार्यवाही होगी।
बता दें कि यदि कोई व्यक्ति प्रिंटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्था परीक्षा से जुड़े अनैतिक कार्य में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास के अलावा दस करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही अगर कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में नकल करते हुए पाया जाता है तो तीन वर्ष का कारावास और 5 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। वहीं अगर परीक्षार्थी दोबारा नकल करते पाया जाता है तो न्यूनतम 10 साल और 10 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं में चीटिंग व धांधली को रोकने के लिए कई प्रावधान बनाए गए हैं।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को मंजूरी मिलने के साथ ही अब 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी और लेखपाल परीक्षा नए कानून के तहत ही आयोजित की जाएगी। देहरादून समेत उत्तराखंड के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं की भी यही मांग थी।