नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने नकली दवा बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिया है। देशभर में नकली और मिलावटी दवा बनाने वाली 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। घटिया क्वालिटी वाली दवाओं के उत्पादन के खिलाफ कार्रवाई के तहत ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और स्टेट रेगुलेटर्स ने देशभर में 76 फार्मा कंपनियों का निरीक्षण किया। इनमें से नकली तथा मिलावटी दवा बनाने को लेकर 18 कंपनियों के लाइसेंस कैंसल कर दिए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 15 दिन में 20 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में ये निरीक्षण किए गए। घटिया दवाओं के निर्माण के खिलाफ विशेष अभियान के पहले चरण के तहत 76 कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। नकली और मिलावटी दवाओं के उत्पादन को लेकर 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। इसके अलावा 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
विशेष अभियान के तहत रेगुलेटर्स ने 203 कंपनियों की पहचान की है तथा ज्यादातर कंपनियां हिमाचल प्रदेश (70), उत्तराखंड (45) और मध्य प्रदेश (23) में हैं। भारतीय कंपनियों द्वारा तैयार दवाओं की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठे हैं। फरवरी में तमिलनाडु की कंपनी ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने अमेरिका में आंखों की रोशनी प्रभावित होने से कथित रूप से जुड़े अपने सभी आई ड्रॉप को वापस मंगा लिया था।