इस मौसम में फीवर एक सामान्य-सी बात है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो सही वक्त पर, सही इलाज की। मौसमी बुखार पर पूरी जानकारी हल्द्वानी स्थित साहस होम्योपैथिक के डॉक्टर नवीन पांडे ने दी। उन्होंने बताया कि इन दिनों होने वाले बुखार के ज्यादातर मामले वायरस के हैं, लेकिन मलेरिया, निमोनिया, टायफायड के अलावा इक्का-दुक्का मामले डेंगू के भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में कई तरह के बुखारों की पहचान और उसके मुताबिक इलाज की जरूरत होती है। जरूरी है कि आप इस तरह के बुखार को नजरअंदाज ना करें।
इसके अलावा मरीज को वाइरल है तो उससे थोड़ी दूरी बनाए रखें और उसकी इस्तेमाल की गई चीजें इस्तेमाल न करें। मरीज को पूरा आराम करने दें, खासकर तेज बुखार में। आराम भी बुखार में इलाज का काम करता है। मरीज छींकने से पहले नाक और मुंह पर रुमाल रखें। इससे वाइरल होने पर दूसरों में नहीं फैलेगा। ध्यान रखें कि वह अपने हाथ भी अच्छी तरह से साफ करें।उन्होंने ये भी बताया कि इन दिनों में मलेरिया के मामले भी अधिक होते हैं और उसे बचने के लिए होम्योपैथिक दवाए बताई।