हल्द्वानी: मलेरिया बुखार जो की जानलेवा बिमारियों में गिनी जाती हैं। यह मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से हमें मलेरिया बुखार आता हैं। साहस होम्योपैथिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि इस मच्छर के खून में परजीवी बैक्टीरिया होते हैं। जब यह हमे काटती है तो इसके मुंह के जरिये वह परजीवी हमारे शरीर में भी पहुंच जाते हैं।फिर धीरे-धीरे यह परजीवी बैक्टीरिया शरीर में पहुंचकर अपनी संख्या बढ़ाता हैं।शरीर में जब इस परजीवी की संख्या बढ़ जाती हैं तो मलेरिया बुखार हो जाता हैं।यह परजीवी लार के जरिये शरीर में पहुंचते ही अपना काम शुरू कर देते हैं, यह सबसे पहले लिवर पर हमला बोलते हैं।यह परजीवी अपना पूरा असर दिखाने में 8-12 दिन तक का समय लेते हैं।
साहस होम्योपैथिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने मलेरिया से बचने के लिए होम्योपैथिक इलाज बताया-
- Malaria off ( 5-5 बूंदे सुबह-शाम दस से पंद्रह दिन तक )
- Chininum Sulpuricun 30 c ( दो-दो बूंदे दिन में तीन बार)
- Chininum Ars 30 ( दो-दो बूंदे दिन में तीन बार)
- BC 11 ( बुखार रहने पर )