हल्द्वानी: बिना दर्द वाली चर्बी की गांठ को लिपोमा (Lipoma) कहते हैं। हल्द्वानी साहस होम्योपैथिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने इस बीमारी के बारे में बताया कि एक त्वचा में बनने वाली गांठे है। इसक वक्त रहते इलाज करना जरूरी है नहीं तो ये बढ़ने लगती हैं। लाइपोमा चर्बी की गांठे होती हैं| इन गांठों से कोई दर्द तो नहीं होता है लेकिन लोग इससे डरते है और कैंसर से जोड़ने लगते हैं जो की लगत है। लाइपोमा और कैंसर की गांठों में सबसे बड़ा फर्क होता है कि लाइपोमा की गांठें मुलायम होती हैं और हिलती हैं जबकि कैंसर वाली गाँठ सख्त होती हैं और वह हिलती नहीं हैं|
साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि लाइपोमा की गांठें आपकी त्वचा के अंदरूनी हिस्से में होती हैं जो एक से तीन सेंटीमीटर तक मोटी हो सकती हैं| इन छोटी गांठों में ना तो कभी दर्द होता है और ना ही ये गांठे कभी कोई नुकसान पहुंचाती हैं|लाइपोमा की गांठें खिसकती भी हैं| ये अपनी पोजीशन बदल सकती हैं| उन्होंने इस बीमारी पर होम्योपैथिक इलाज (दवा बताई) जिसका इस्मेताल रोगी को लिपोमा से निजात दिला सकता है।