देहरादून: प्रदेश के तमाम शराब शौकीनों को एक अच्छी खबर मिल सकती है। आबकारी विभाग द्वारा शराब सस्ती करने पर प्लान बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि सस्ती शराब की वजह से राज्य के शौकीन लोग दूसरे प्रदेशों की तरफ आकर्षित होते है। जिसकी वजह से तस्करी बढ़ती है। इसे रोकने के लिए शराब सस्ती करने और नई ब्रांड लाने पर जोर दिया जा रहा है।
आबकारी विभाग राजस्व में फायदे का बड़ा कारण होता है। दुकानों की नीलामी और शराब की बिक्री आबकारी राजस्व पूर्ति का बड़ा जरिया है। इसी दिशा में 2021 में नीति बनाई गई थी। जो मार्च 2023 तक के लिए प्रभावी है। नीति के हिसाब से मौजूदा वित्तीय वर्ष का राजस्व लक्ष्य 3600 करोड़ रुपये रखा गया है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में समान ब्रांड की शराब काफी सस्ते दरों पर मिल रही है।
यही वजह है कि प्रदेश में सबसे अधिक तस्करी, हिमाचल, चंडीगढ़ और हरियाणा से हो रही है। तस्करी बढ़ने से राजस्व की हानि के साथ साथ आबकारी विभाग की टेंशन बढ़ रही है। अब विभाग अब वर्ष मार्च 2023 के बाद के लिए नई आबकारी नीति बना रहा है। जिसमें शराब सस्ती करने पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की उम्मीद है।