हल्द्वानी: उत्तराखंड क्रिकेट हमेशा से सुर्खियों में रहा है। अभी कुछ दिन पहले कोच वसीम जाफर के इस्तीफे के बाद आया भौचाल थमा ही था कि नया विवाद पैदा होता दिख रहा है। रविवार देर शाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने काशीपुर में आयोजित होने वाले कैंप के लिए सूची जारी की है जिसमें 45 खिलाड़ियों का नाम है।
सूची जारी होने से पहले संघ ने दो अभ्यास मैच और फिटनेस टेस्ट भी कराया था लेकिन लिस्ट में कई ऐसे खिलाड़ियों का नाम शामिल हैं जिनका प्रदर्शन ना तो अच्छा रहा ना ही वह फिटनेस में खरे उतरे। अंडर-19 चयन प्रक्रियां शुरू से ही सवालों के घेरे में है।
डिस्ट्रिक्ट ट्रायल्स के बाद क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड ने 84 खिलाड़ियों की सूची जारी की थी लेकिन टीम बनते बनते इस लिस्ट में 18 खिलाड़ियों का नाम अतिरिक्त शामिल किया गया। दो अभ्यास मैच के बाद फिटनेस टेस्ट के लिए 60 खिलाड़ियों की लिस्ट जारी की।
वहीं फिटनेस टेस्ट पास करने के लिए नहीं केवल जांच के लिए आयोजित कराया गया था। हैरानी करने वाले बात ये है कि जिन खिलाड़ियों का नाम पहली सूची में नहीं था और ना ही उनका स्कोर फिटनेस में अच्छा रहा था, उन्हें भी कैंप में शामिल किया गया है।
इसके अलावा जो खिलाड़ी पिछले सीजन टीम का हिस्सा थे उन्हें भी कैंप में जगह नहीं दी गई है। इस पूरी प्रक्रियां ने एक बार फिर सीएयू को सवालों के घेरे में खड़ा किया तो गेंद को चयनकर्ताओं के पाले में डाल दिया गया है।
सवाल ये उठता है कि अगर अभ्यास मुकाबलों के बाद आयोजित फिटनेस टेस्ट का पास करना महत्वपूर्ण नहीं था तो क्यों खिलाड़ियों को देहरादून बुलाया गया। क्यों उन्हें दोबारा अभ्यास ट्रायल्स मुकाबलों के लिए खिलाड़ियों को देहरादून बुलाया गया और मुकाबले ना कराकर कैंप की लिस्ट जारी कर दी गई। अंतरिम सीईओ अमन सिंह ने मामले को सिलेक्शन कमेटी के सामने उठाने की बात कही है।