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बचपन में माता-पिता को खोया, दादी ने सब्जी बेचकर पढ़ाया…अब बने IPS अफसर

Uday Krishna Reddy IPS
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Uday Krishna Reddy IPS Success Story: कुछ कहानियाँ सिर्फ प्रेरणा नहीं देतीं वो जीवन की दिशा ही बदल देती हैं। ऐसी ही एक कहानी है आईपीएस उदय कृष्ण रेड्डी की…जिन्होंने जिंदगी की सबसे बड़ी तंग गलियों से होते हुए भारत की सबसे प्रतिष्ठित सेवा में अपना नाम दर्ज कराया।

आंध्र प्रदेश के उल्लापलेम गांव में जन्मे उदय की जिंदगी बचपन से ही संघर्षों से भरी रही। सिर्फ 5 साल की उम्र में माँ को खो दिया और कुछ ही समय बाद पिता का भी साया सिर से उठ गया। ट्रक ड्राइवर पिता की मौत के बाद पूरा परिवार टूट चुका था। ऐसे में एकमात्र सहारा बनीं उनकी दादी रमणम्मा…जिन्होंने सब्ज़ी बेचकर पोतों की परवरिश की।

बस 10वीं तक पढ़ लो…लेकिन उदय ने सपने नहीं छोड़े

दादी का मानना था कि 10वीं तक की पढ़ाई काफी है…लेकिन उदय के पढ़ने की इच्छा के आगे वो कभी नहीं झुकीं। आर्थिक तंगी में भी उन्होंने सरकारी स्कूल से 12वीं और फिर MLT (मेडिकल लैब टेक्नीशियन) का कोर्स पूरा किया। सपना था डॉक्टर बनने का…लेकिन हालात ने उन्हें और दिशा में ले लिया।

कांस्टेबल बना, लेकिन अफसर बनने की चिंगारी अंदर ही थी

साल 2013 में उदय ने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए आंध्र प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल की नौकरी जॉइन कर ली। 5 साल तक वर्दी पहनी…लेकिन एक दिन ऐसा आया जिसने पूरी जिंदगी की दिशा बदल दी। उनके सीनियर अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से अपमानित किया…करीब 60 पुलिसकर्मियों के सामने। उदय ने उस पल बदले की भावना नहीं…बल्कि खुद को साबित करने का संकल्प लिया। उन्होंने उसी दिन नौकरी छोड़ दी और ठान लिया कि अब वह अफसर बनकर ही लौटेंगे।

अखबार बेचते थे, दोस्त-मामा ने दिया सहारा

यूपीएससी की तैयारी आसान नहीं थी। आर्थिक तंगी के बीच अखबार बेचकर पढ़ाई का खर्च निकाला। तेलुगु मीडियम से अंग्रेज़ी मीडियम में स्विच किया। एनसीईआरटी की किताबों से शुरुआत की और राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध को वैकल्पिक विषय चुना। इस दौरान उनके मामा कोटि रेड्डी और दोस्तों योगी व शिवकुमार ने आर्थिक और भावनात्मक रूप से पूरा सहयोग दिया।

2 बार पास की UPSC, अफसर बनकर लौटे

UPSC 2023 में उन्होंने 780वीं रैंक हासिल की। IRS बनने का मौका था…लेकिन उदय का लक्ष्य IPS था। उन्होंने हार नहीं मानी। फिर UPSC 2024 में शानदार प्रदर्शन कर 350वीं रैंक लाई…और IPS अधिकारी बन गए। आज वह त्रिपुरा कैडर के अफसर हैं।

अब भाई को बना रहे हैं अफसर

आज उदय ना सिर्फ एक अधिकारी हैं…बल्कि प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं। वो अब अपने छोटे भाई प्रणय कृष्ण रेड्डी को भी सिविल सेवा की तैयारी में मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि IG अवुला रमेश रेड्डी और ADGP महेश भागवत जैसे सीनियर अधिकारियों से उन्हें गाइडेंस मिला।

एक अपमान, जिसने बना दिया देश का सेवक

उदय की कहानी बताती है कि हालात चाहे जितने मुश्किल हों अगर संकल्प सच्चा हो तो मंज़िल दूर नहीं। एक कांस्टेबल का सपना, एक दादी की कुर्बानी, और एक युवा का जुनून, आज लाखों युवाओं के लिए मिसाल बन चुका है।

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