नई दिल्ली: राजस्थान में चुनाव से पहले कुछ ऐसे घटनाक्रम हो रहे हैं जो थोड़े चौकाने वाले हैं। राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा देकर सभी को चौका दिया है। मंत्री के इस्तीफे को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार कर लिया है। महेश जोशी ने इस्तीफा क्यों दिया, इसकों लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं। कोई आंतरिक कलह कह रहा है तो किसी का कहना है कि उनके पास दो पद से और इसके चलते एक पद को छोड़ा है।
ऐसा नहीं है कि सरकार में केवल जोशी के पास ही दो पद हैं। अगर एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू होना है तो सिर्फ महेश जोशी पर ही क्यों लागू किया जा रहा? कांग्रेस सरकार के कई मंत्री और अन्य नेता हैं जिनके पास दो-दो पद हैं। अगर उदयपुर के चिंतन शिविर में तय किए गए फार्मूले को लागू करना है तो सभी नेताओं पर करना चाहिए। अगर महेश जोशी ने जानबूझकर एक पद छोड़ा है तो क्या अन्य मंत्री भी पद छोड़ेंगे, इस पर सभी की नजर बनी हुई है।
2023 के आखिरी में राजस्थान में चुनाव होने हैं। कांग्रेस में पहले से मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कांग्रेस पार्टी में गुट बने हुए हैं। अगर चुनाव से पहले पद व अन्य मतभेदों को दूर नहीं किया जाता है तो कांग्रेस के लिए दोबारा सरकार बनाकर इतिहास रचना आसान नहीं होगा।