Manisha Karki, ADC Story:- उत्तराखंड राज्य और यहां के युवा सेना के प्रति अपने समर्पण के लिए जाने जाते हैं। उत्तराखंड के हर छोटे शहर, गांव व गलियों में आपको कोई ना कोई ऐसा युवा जरूर मिलेगा जो सेना में भर्ती होने के ख्वाब देखता हो। सेवा में भर्ती होने के लिए उत्तराखंड के बेटे ही नहीं बल्कि बेटियां भी उतनी ही उत्साहित रहती है। आए दिन ऐसी खबरें सामने आती रहती है जहां बेटियों ने सेवा में भर्ती होकर राज्य का मान बढ़ाया हो। परंतु आज उत्तराखंड की एक बहू ने सेवा में वह मुकाम हासिल किया है जो पूरे देश में किसी को भी महिला को प्राप्त नहीं हुआ।उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली, वायुसेना अधिकारी मनीषा कार्की ने मिजोरम के राज्यपाल डाॅ. हरि बाबू कंभमपति की एडीसी बनने का गौरव प्राप्त किया है। आपको बता दें कि इस सफलता के साथ ही मनीषा देश की पहली ऐसी महिला भारतीय सशस्त्र बल अधिकारी बन चुकी हैं, जिन्हें राज्यपाल के एडीसी के रूप में नियुक्त किया गया है।
बताते चलें कि मनीषा मूल रूप से उड़ीसा की रहने वाली हैं। वे देहरादून जिले के डोईवाला क्षेत्र के नागल ज्वालापुर निवासी लीलावती कार्की परिवार की बहू हैं। उनके पति प्रेम सिंह कार्की सेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। उनका बेटा दीपक कार्की सेना में मेजर हैं, जो आजकल गुरदासपुर में तैनात हैं। कार्की परिवार की इस सैन्य परम्परा को अब लीलावती की बहू मनीषा भी आगे बढ़ा रही है। मनीषा 2015 बैच की भारतीय वायुसेना अधिकारी हैं, जो बतौर स्क्वाड्रन लीडर अपनी भूमिका निभा रही थीं।अब उन्हें मिजोरम के राज्यपाल डाॅ. हरि बाबू कंभमपति के सहायक डी कैंप (एडीसी) की जिम्मेदारी दी गई है। राज्यपाल की एडीसी बनने से पूर्व मनीषा वायुसेना स्टेशन बीदर, वायुसेना स्टेशन पुणे और वायुसेना स्टेशन भटिंडा में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। मनीषा की इस सफलता पर खुशी जताते हुए लीलावती कहती हैं कि मनीषा उनके परिवार का गौरव है। वह ना केवल देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रही हैं, बल्कि एक बेटी के रूप में भी उनका पूरा ख्याल रखती हैं।
कौन होते हैं एडीसी?
एडीसी वे अधिकारी होते हैं जो सेना प्रमुख, सेना कमांडरों, राज्यपालों और भारत के राष्ट्रपति सहित शीर्ष अधिकारियों के निजी सहायक के रूप में कार्य करते हैं। भारत के राष्ट्रपति के पास पांच सहयोगी-डे-कैंप हैं, जिनमें से तीन सेना से, एक नौसेना और एक वायु सेना से है। उत्तराखंड की मनीषा कार्की का नाम भी अब एडीसी में शामिल हो चुका है। उनकी इस सफलता पर मिजोरम के राज्यपाल डाॅ. हरि बाबू कंभमपति ने जारी संदेश में कहा कि — “मनीषा की नियुक्ति सिर्फ एक सफलता नहीं है, बल्कि उन महिलाओं की उल्लेखनीय क्षमताओं का प्रमाण है जो लैंगिक मानदंडों को चुनौती देती हैं और कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करती हैं।”