हल्द्वानी, मंथन रस्तोगी: भारत द्वारा साल 1984 में सियाचिन में चलाए गए ऑपरेशन मेघदूत के दौरान लापता हुए हल्द्वानी निवासी लांसनायक चंद्र शेखर हर्बोला का पार्थिव शरीर अब जाकर मिला है। पार्थिव शरीर ढूंढने की ज़द्दोजहद तो कई सालों से जारी थी। मगर सेना के जवानों को सर्चिंग अभियान में सफलता अब जाकर मिली है। ग्लेशियर में दबकर लापता हुए शहीद चंद्र शेखर हर्बोला की शिनाख्त उनकी वर्दी पर लगे आर्मी नंबर डिस्क से हुई है।
LNk (Late) Chander Shekhar was identified with the help of the identification disk bearing his Army number which was entangled along with the mortal remains; further details were recovered from official Army records: Northern Command, Indian Army pic.twitter.com/aoUYVWeNwD
— ANI (@ANI) August 15, 2022
बता दें कि पेट्रोलिंग टीम को अभियान के दौरान यह डिस्क मिली। जिसपर लिखे आर्मी बैच नंबर को सेना के रिकॉर्ड से मिलाया गया। तब जाकर पता चला कि पार्थिव शरीर किसी और का नहीं बल्कि 38 साल पहले लापता हुए शहीद चंद्र शेखर हर्बोला का है। इसके संबंध में एएनआई ने एक फोटो और वीडियो भी पोस्ट की है। फोटो में वो डिस्क साफ देखी जा सकती है, जिसके माध्यम से शहीद जवान की शिनाख्त की गई है।
बता दें कि मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट के हाथीगुर बिंता निवासी चंद्रशेखर हर्बोला 19 कुमाऊं रेजीमेंट में लांसनायक थे। मई 1984 में सियाचिन में पेट्रोलिंग के लिए 20 सैनिकों की टुकड़ी भेजी गई थी। ग्लेशियर टूटने की वजह से सभी सैनिक लापता हो गए थे। सर्च ऑपरेशन में 15 सैनिकों के पार्थिव शरीर मिल गए थे लेकिन पांच सैनिकों का पता नहीं चला था। अब जाकर शहीद चंद्र शेखर का पार्थिव शरीर मिला है। जिसे मंगलवार को हल्द्वानी लाया जाएगा।