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शादी की सालगिराह पर दोस्तों को दिया था पार्टी का वादा, दोस्त बोले सच्चा था हमारा विभू


हल्द्वानी: 14 फरवरी देश के लिए दुख लेकर आई। ऐसी घटना जिसने पूरे देश को झंझोर कर रख दिया। पुलवामा में आतंकी हमले में तीन दर्जन से ज्यादा सैनिक शहीद हुए। इसके बाद पूरा देश बदले की आग में जल रहा है। आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। हमले के 100 घंटे के भीतर भारतीय सेना के जवानों ने इस हमले में शामिल  ‘कामरान’ सहित जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया। यह भी सामने आ रहा है कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में यह मुठभेड़ 18 घंटे तक चली।

इस हमले में मेजर विभूति ढौंढियाल, हवलदार शेव राम, सिपाही हरि सिंह, पुलिसकर्मी अब्दुल रशीद और सिपाही अजय कुमार शहीद हो गए। विभूति ढौंढियाल देहरादून के रहने वाले थे। मंगलवार को हरिद्वार में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। मेजर विभूति शंकर की शहादत की खबर उस वक्त सामने आई जब सोमवार को उत्तराखण्ड रजौरी में आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए चित्रेश बिष्ट को राजकीय सम्मान के साथ विदा कर रहा था।

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मेजर विभूति ढौंढियाल की पिछले  साल 9 अप्रैल, 2018  को शादी हुई थी। उनकी पत्नी का नाम निकिता कौल है। निकिता दिल्ली एनसीआर में जॉब करती है और हर हफ्ते देहरादून स्थित अपने ससुराल आती थी। सोमवार को दिल्ली जा रही थी और इस घटना के बारे में उन्हें पता चला।  मेजर विभूति ढौंढ़ियाल के दोस्तों ने उन्हें यार करते हुए कहा कि वो सच्चा इंसान था। जो लोगों को जिन्दगी जीने का सही रास्ता दिखाता था। उसने अप्रैल में घर आने का वादा किया था और शादी की सालगिराह पर पार्टी देने की बात कही थी। मेजर विभूति ढौंडियाल का परिवार मूल रूप से पौड़ी गढ़वाल के बैजरों के पास ढौंड गांव का रहने वाला है। विभूति के दादा केएन ढौंडियाल 1952 में दून आकर बस गए थे। 

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