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आतंकियों से लोहा लेते वक्त शहीद हो गए विक्रम सिंह नेगी, 22 अक्टूबर को आने वाले थे घर

आतंकियों से लोहा लेते वक्त शहीद हो गए विक्रम सिंह नेगी, 22 अक्टूबर को आने वाले थे घर

टिहरी: सीमा पर देश की सुरक्षा कर रहे जवानों की जिंदगी वाकई बहुत अप्रत्याशित होती है। जम्मू के पुंछ जिले में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए टिहरी के जवान विक्रम सिंह नेगी की कहानी सुनकर आंखों से आंसु आ जाएंगे। दरअसल शहादत से एक दिन पहले ही उन्होंने घर पर बताया था कि वह अगले हफ्ते छुट्टी पर आ रहे हैं। लेकिन अगला हफ्ता छोड़िए, अगले दिन ही उन्होंने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए।

बता दें कि जम्मू के पुंछ जिले के नाढ़खास में बीते दिन आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो लाल शहीद हो गए। टिहरी गढ़वाल के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और चमोली के राइफलमैन योगंबर सिंह के पार्थिव शरीर शनिवार को उनके गांव पहुंचेंगे। दोनों के परिवारों पर जिंदगी भर का दुख एक साथ आकर टूट पड़ा है।

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टिहरी विमाण गांव निवासी 26 वर्षीय राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी के परिवार को शुक्रवार सुबह जानकारी दी गई। जब सुबह 11 बजे पार्वती देवी को फोन पर पति के शहीद होने की सूचना मिली तो मानो उनकी सांसे रुक गई। एक पल में सारे सपने टूट गए। परिवार में कोहराम इसलिए भी मच गया क्योंकि घर का इकलौता बेटा अगले हफ्ते ही छुट्टी पर आने वाला था।

हमेशा की तरह गुरुवार शाम छह बजे विक्रम ने व्हाट्सएप के जरिए अपनी 95 वर्षीया दादी रुकमा देवी, मां बिरजा देवी और पत्नी पार्वती से बात की। बातचीत में उन्होंने 22 अक्टूबर को घर आने की बात कही थी। इसलिए घऱवालों ने घर में पूजा का भी आयोजन तय कर लिया था। लेकिन अगले ही दिन सुबह ये दुखद खबर सुनी तो परिवार बिखर गया।

गौरतलब है कि विक्रम सिंह पुत्र साब सिंह नेगी घर के इकलौते बेटे थे। पांच साल पहले सेना में शामिल होने के दो साल बाद विक्रम ने शादी की थी। जानकारी के मुताबिक डेढ़ महीने पहले छुट्टी काटकर ड्यूटी पर गए विक्रम सिंह अब शहीद हो गए हैं। अब वह नहीं केवल तिरंगे में लिपटा हुआ उनका पार्थिव शरीर घऱ वापिस आएगा। इस दुख की घड़ी में हम परिवार के साथ हैं और देश के सच्चे जवान को नमन करते हैं।

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